बीएयू : गो पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की ट्रेनिंग ले रहे 50 शिक्षित बेरोजगार

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित रांची वेटनरी कॉलेज में सोमवार को गो-पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान पर 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुरुआत हुई। इसे केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत मल्टी आर्टिफीसियल इन्सेमिनेशन तकनीशियन फॉर रूरल इंडिया (मेत्री) कार्यक्रम के तहत आयोजित किया जा रहा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले बैच में लोहरदगा, पाकुड़, बोकारो एवं साहि‍बगंज जिले के 50 शिक्षित बेरोजगार भाग ले रहे।

कार्यक्रम का उद्घाटन डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने किया। उन्‍होंने कहा कि गो पशुओं की संख्या के मामले में विश्व में पहला स्थान के बावजूद देश की बहुतायत गो पशु अवर्णित है। इनकी दूध उत्पादन क्षमता काफी कम है। अच्छे नस्ल के लिए गो पशुओं का संकरण (कृत्रिम गर्भाधान) जरूरी है। इस कार्य को अच्छे प्रशिक्षित तकनीशियन के माध्यम से देश में गो पशु नस्ल सुधार को गति दी जा सकती है। इस कार्य में प्रशिक्षित ग्रामीण बेरोजगार युवक की बड़ी भूमिका होगी। मौके पर डॉ प्रसाद ने सभी प्रतिभागियों को ट्रेनिंग किट प्रदान किया।

जेएसआईए के मुख्य अनुदेशक डॉ केके तिवारी ने बताया कि एक महीने के प्रशिक्षण के उपरांत सभी प्रशिक्षित बेरोजगार युवकों को कृत्रिम गर्भाधान केंद्र से जोड़ कर प्रशिक्षण दी जाएगी। फिर सभी को कृत्रिम गर्भाधान में जरूरी उपकरणों को उपलब्ध कराया जायेगा। प्रत्येक पंचायत से एक मैत्री को जोड़ा जायेगा, जो प्रति कृत्रिम गर्भाधान के लिए पशुपालकों से 150 रुपये शुल्क ले सकेंगे।

मौके पर प्रतिभागियों को 30 दिवसीय प्रशिक्षण के विषयों के बारें में बताया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद डॉ मुकेश कुमार ने किया। यह जानकारी प्रशिक्षण प्रभारी एवं कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ एके पांडे ने दी।