हेमंत सोरेन के चुनाव आयोग को दिये जवाब पर बाबूलाल मरांडी ने किया कटाक्ष, कहा ये तो …

झारखंड
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रांची। खनन लीज मामले में चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने दे दिया है। उनके जवाब पर पूर्व मुख्‍यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कटाक्ष किया है। उन्‍होंने कहा कि यह वही बात हुई कि बैंक लूट लो और पकड़े जाओ तो पैसे लौटा कर बेदाग हो जाओ।

बताते चलें कि चुनाव आयोग ने मुख्‍यमंत्री हो नोटिस भेजकर 10 मई तक जवाब मांगा था। उन्‍होंने मां की बीमारी का हवाला देकर जवाब देने के लिए समय मांगा था। इसपर आयोग ने 20 मई तक जवाब देने को कहा था। आयोग को भेजे जवाब में हेमंत सोरेन ने साफ किया है कि उनके पर कोई माइनिंग लीज नहीं है। उनपर लगाया गया आरोप राजनीति से पूरी तरह प्रेरित है।

मुख्‍यमंत्री के जवाब पर बाबूलाल मरांडी ने कटाक्ष किया है। उन्‍होंने ट्व‍िट करते हुए लिखा, ‘सुना है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने चुनाव आयोग से कहा है कि उनके पास पत्थर खदान नहीं है। कल कहेंगे कि पत्नी के पास आदिवासी उद्यमी के हिस्से की ११ एकड़ ज़मीन भी नहीं है। वो तो चोरी पकड़े जाते ही लौटा दिया। यह वही बात हुई कि बैंक लूट लो और पकड़े जाओ तो पैसे लौटा कर बेदाग़ हो जाओ।‘

बाबूलाल ने एक के बाद एक ट्व‍िट किया। लिखा, ‘फिर आपने जिस पूजा सिंघल को कृषि विभाग से हटाया उन्हें पहले पर्यटन फिर मालदार कमाई के विभागों उद्योग, खान सचिव व JSMDC का अध्यक्ष बना दिया। अब ये साफ़ हो चुका कि विकास गरीब जनता का नहीं आपका, सोरेन परिवार का और आपके लूटतंत्र साझेदारों का हुआ।आगे इसकी क़ीमत भी तो आप ही चुकाएँगे न?’

‘खान लीज़ लेने के बाद लौटा देने के तर्क से आप कैसे बच सकते हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी? खान-खदान से  तो आपका “लूट प्रेम” अब देश-दुनियाँ के सामने उजागर हो गया है। आपने के. श्रीनिवासन जैसे अधिकारी को सचिव के वेतनमान में प्रोन्नति से पहले खान विभाग का सचिव बना दिया।‘

‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आपने न सिर्फ़ पद का दुरुपयोग कर ग़लत तरीक़े से पत्थर खदान लिया बल्कि चोरी पकड़ी गई तो ग़लत तरीक़े से सरेंडर भी कर दिया। खनिज नियमावली 2004 के रूल 26 के मुताबिक़ आपको सरेंडर से छः महीने पहले नोटिश देना था।लेकिन आप तो “राजा” हैं न जो मर्ज़ी सो करेंगे?’

‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आप जानते हैं कि एक चपरासी भी नौकरी में रहते खुद कोई व्यापार नहीं कर सकता। आप तो राज्य के मुख्यमंत्री हैं। सरकारी ख़ज़ाने से वेतन, सुविधा लेते हैं। फिर पत्थर खान लेने से पहले आपको तनिक भी ख़्याल नहीं आया कि ये आप क्या कर रहे हैं? आपने तो हद कर दी।‘