रांची। विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस पर रांची के कांके स्थित केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान के बह्यारोग विभागीय परिसर में 24 मई को एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ बासुदेब दास ने उपस्थित लोगों को इस बीमारी के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बीमारी संबंधित लक्षण, अनुवांशिकता, परिवार और वातावरण का प्रभाव और जरूरी उपचार के बारे में जानकारी दी।
संस्थान की क्लिनिकल सायकोलॉजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ प्रियंका लेंका ने सिजोफ्रेनिया के कारण, उसके लक्षण, जांच के पैमाने और विश्वस्तर पर इस बीमारी की स्थिति पर चर्चा की। उपलब्ध उपचार की जानकारी दी। उपस्थित लोगों के प्रश्नो के उत्तर संस्थान के सहयोगी प्राध्यापक डॉ सुनील कुमार सूर्यवंशी ने दिए।
लोगों ने ‘बीमारी कितने समय में ठीक हो सकती है, कितने दिनों तक इलाज की जरूरत है, दवाओं के क्या दुष्परिणाम होते हैं’ आदि सवाल किये। कार्यक्रम का संचालन संस्थान में कार्यरत सीनियर रेसीडेंट डॉ धीमन ने किया। धन्यवाद डॉ सूर्यवंशी ने किया।