मुंबई। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के पहले सस्टेनेबिलिटी अभियान ‘चेंज द स्टोरी’ ने हाल ही में ग्रीन अवार्ड श्रेणी के तहत एबीबीवाई अवार्ड्स 2022 में कांस्य पुरस्कार जीता है। यह श्रेणी उत्कृष्ट संचार के लिए प्रदान की जाती है जिसमें ग्रह संरक्षण, स्थिरता आदि शामिल हैं। ‘चेंज द स्टोरी’ अभियान का उद्देश्य स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) के बारे में जागरुकता पैदा करना और प्रौद्योगिकी समर्थित समाधानों का प्रदर्शन करना था जिनसे इस संबंध में प्रभावी और मापने योग्य परिणाम प्राप्त हों।
यह अभियान नॉन-इन्वेसिव बब्बल बैरियर टेक्नोलॉजी को उजागर करता है, जो आगरा के मंटोला नहर से लगभग 2,400 टन प्लास्टिक कचरे को हटा देगा। इससे यमुना नदी में इसके प्रवेश को रोका जा सकेगा। अभियान का उद्देश्य पूरे भारत और विश्व स्तर पर व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचना और अभियान की विशेषताओं के बारे बताना है। प्रायः भारतीय विज्ञापन के ऑस्कर के रूप में जाने जाने वाले एबीबीआई अवार्ड्स में सम्मानित किए गए इस अभियान को आलोक नंदा और कंपनी के सहयोग से डिजाइन किया गया था। यह अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में सस्टेनेबिलिटी की महत्वपूर्ण भूमिका को बताने वाला एक अन्य अनुस्मारक है।
इंडिया होल्सीम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी निदेशक नीरज अखौरी ने कहा कि इस सम्मान ने स्थिरता की दिशा में कंपनी के निरंतर प्रयासों का पुनः स्मरण दिलाया है। ‘हम उत्साहित और सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि हमारे एक महत्वपूर्ण अभियान को यथायोग्य सम्मान मिला। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड में स्थिरता और व्यवसाय दोनों का साथ- साथ ख्याल रखा जाता है। यह हमें इस दिशा में अपने प्रयास को और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।‘
इस अभियान को अब तक 93 मिलियन से अधिक इंप्रेशन, 14 मिलियन वीडियो व्यू और 42 मिलियन एंगेजमेंट्स प्राप्त हो चुके हैं। हैशटैग #ChangeTheStory, 3,000 से अधिक ट्वीट्स के साथ ऑर्गेनिक तरीके से लगभग 2 -3 घंटे तक ट्रेंड हुआ। इसमें 3.5 मिलियन बार ब्रांड का उल्लेख किया गया।
अभियान का सबसे सुखद हिस्सा यह रहा कि लोगों ने व्यक्तिगत कहानियों को साझा करके अपना समर्थन व्यक्त किया और उन्होंने पर्यावरण व समाज में योगदान दिया। इस कॉल टू एक्शन पहल ने लोगों को माइक्रोसाइट पर प्रतिज्ञा करने और अपनी ‘चेंज द स्टोरी’ पल साझा करके स्थायी कल में परिवर्तन के अभिकारक बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया।