मलेशिया में फंसे झारखंड के 22 कामगार वतन लौटे, पारिश्रमिक भी मिला

झारखंड
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  • शेष 8 श्रमिकों की वापसी के लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष एवं मलेशिया में हाई कमीशन ऑफ इंडिया प्रयासरत

रांची। मलेशिया में फंसे गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 22 कामगारों की गुरुवार को झारखंड वापसी हो गई। शेष 8 कामगारों की वापसी के लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष एवं मलेशिया स्थित हाई कमीशन ऑफ इंडिया कंपनी प्रबंधन से लगातार संपर्क में हैं। कामगारों को पारिश्रमिक का भुगतान भी मिला है।

दो चरण में 22 कामगार लौटे

मालूम हो कि दो चरण में 22 कामगारों की वापसी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद संभव हुई है। एक माह पूर्व 10 कामगार झारखंड लौटे थे। 14 मार्च, 2022 को राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को मलेशिया के भारतीय दूतावास ने बताया कि 18 मार्च को 30 में से 10 कामगारों का कंपनी द्वारा वतन वापसी का टिकट कराया गया था, लेकिन कोविड जांच में सभी 10 कामगार पॉजिटिव पाए गए थे। इसके कारण उनका भारत आना स्थगित किया गया था। 25 मार्च, 2022 को सभी कामगारों को बेंटन व लूनस से कुआलालंपुर भारतीय हाई कमीशन, मलेशिया के शेल्टर होम में सुरक्षित लाया गया है। इसके बाद 25 और 26 मई को 10 कामगार झारखंड लौटे।

सोशल मीडिया से गुहार लगाई

पिछले दिनों इन श्रमिकों ने राज्य सरकार से अपनी सुरक्षित वापसी के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सभी कामगारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। कामगारों की वापसी के लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार प्रयासरत रहा है।

दो वर्ष से कर रहे थे काम

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कार्य करना शुरू किया। इस कड़ी में पता चला कि सभी कामगार 30 जनवरी 2019 से लीड इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में लाइनमैन के रूप में कार्यरत हैं। 30 सितंबर, 2021 को सभी का कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो चुका है। अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक उन्होंने कंपनी के कहने पर बिना कॉन्ट्रेक्ट के 4 माह काम किया। उसका पेमेंट उन्हें नहीं मिला है। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कार्रवाई करते हुए कामगारों से केस से संबंधित दस्तावेज साझा करने को कहा। श्रम विभाग द्वारा मेल के माध्यम से हाई कमीशन ऑफ इंडिया, मलेशिया को घटना पर संज्ञान लेने को कहा गया।

घटना का सत्‍यापन किया

मलेशिया पुलिस ने घटनास्थल (लूनस, मलेशिया) पर जाकर घटना का सत्यापन किया। कंपनी से बात कर कामगारों की समस्या को सुलझाने को कहा। इसके उपरांत कंपनी के मालिक ने कामगारों के बकाया वेतन भुगतान एवं टिकट की व्यवस्था के लिए कुछ समय की मांग की। हाई कमीशन ऑफ इंडिया, मलेशिया ने कंपनी को आदेश दिया कि जल्द सभी के बकाया वेतन का भुगतान करें। सभी को कुआलालंपुर स्थानांतरित करते हुए 15 दिन के अंदर सभी का टिकट एवं उनके भोजन की व्यवस्था करें। कंपनी ने सभी के खाते में वेतन का भी भुगतान कर दिया है। भारतीय दूतावास, मलेशिया द्वारा लगातार कंपनी को सभी मजदूरों के बकाया वेतन के लिए दबाव बनाया गया था।