यूपी में सीवर की मैनुअल सफाई पर योगी सरकार ने लगाई रोक

उत्तर प्रदेश देश
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उत्तर प्रदेश। 30 मार्च को लखनऊ के सआदतगंज में तीन सफाईकर्मियों की मेनहोल सफाई के दौरान दम घुटने से मौत हो गई थी। ऐसा ही हादसा रायबरेली के मनिका रोड पर अमृत योजना में सीवर सफाई का काम कर रहे मजदूरों के साथ भी हुआ था जिसमें दो सफाईकर्मियों की मृत्यु हो गई थी। इन हादसों के बाद जागी प्रदेश सरकार ने सभी निकायों और पालिकाओं में सीवर की मैनुअल सफाई पर रोक लगा दी है।

शासन स्तर से इस बाबत सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों और एमडी जल निगम को निर्देश दिया गया है प्रदेश में सीवर सफाई के लिए किसी भी कर्मचारी को सीवर में ना उतारा जाए।

गौरतलब है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत देश में सीवर सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को सीवर में उतारना पूरी तरह से गैर कानूनी है। मगर अफसोस की बात ये हैं कि ये आदेश महज कागजों पर ही है। सीवर सफाई के दौरान मरने वालों में यूपी नम्बर वन पर है। बीते तीन सालों में 55 सफाईकर्मियों की मृत्यु हुई है।

बीते दस सालों की बात करें तो 635 लोग सीवर की सफाई करने के दौरान मरे हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के आंकड़ों की माने तो साल 2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2018 में 68 और 2017 में 193 लोग मरे थे।

आंकडों की बात करें तो यूपी में तीन सालों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं, सीवर सफाई के दौरान 2019 में सबसे ज्यादा मौतें हुई थी।