इस चापाकल के पानी को पलामूवासी मानते हैं चमत्कारिक, पीने से दूर होती हैं कई बीमारियां !

झारखंड
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पलामू। आज भी धरती अपनी कोख में न जाने कई रहस्यों को समेटे हुए है, जिसे समझना इंसान के परे है। ऐसा ही अनोखा चापाकल पलामू में है, जो वैज्ञानिक शोध का विषय बना हुआ है। यह चापाकल प्रकृति की अनुपम भेंट है।

तीन दशक से इस चापाकल के पानी का इस्तेमाल कर रहे सतीश कुमार का कहना है कि इसका पानी पीने के बाद पेट दर्द समेत कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। गर्मी में इससे फ्रिज जैसा ठंडा पानी निकलता है। यह चापाकल 30 फीट गहराई तक है, लेकिन इसका वाटर लेवल 14 फीट पर ही है।

इस चापाकल का पानी पीने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इस चापाकल के बगल में दुर्लभ प्रजाति का एडन सोनिया डीजीटाटा का पेड़ है। इसे भारत में इंग्लिश इमली के नाम से जाना जाता है। इस पेड़ की अनुमानित उम्र करीब 900 वर्ष है।

पलामू के दुकानदार मनीष कुमार का मानना है कि इस पेड़ और चापाकल के पानी में कुछ न कुछ संबंध है, तभी इसके पानी में बीमारियों को ठीक करनेवाली चमत्कारिक शक्तियां हैं। पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनागर के स्टेशन रोड के पास यह अनोखा चापाकल मौजूद है।

1992 में महेंद्र चंद्रवंशी नामक व्यक्ति ने इस चापाकल को लगवाया था। महेंद्र सत्तू की दुकान चलाते है, उसी के लिए उन्होंने इस चापाकल को लगवाया था।