महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के मुंबई में एक विशेष पोक्सो कोर्ट ने यौन हमले में ‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’ की जरूरत को खारिज करते हुए 40 वर्षीय व्यक्ति को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया। कोर्ट ने पिता को उसकी 5 साल की बेटी के प्राइवेट पार्ट्स को कपड़ों के ऊपर से बार-बार छूने के लिए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
बचाव पक्ष के तर्क दिया था कि बच्ची ने “उंगली” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। तब कोर्ट ने इस तर्क का खंडन कर कहा कि पोक्सो अधिनियम की संबंधित धारा यह परिभाषित नहीं करती है कि यौन उत्पीड़न में एक हमलावर को बच्चे के निजी अंगों को कैसे छूना है। यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध आरोपी के यौन इरादे के बारे में बात करता है।
कोर्ट ने कहा कि गलत तरीके से छूने के बाद बच्ची ने अजीब तरह से रिएक्ट करना शुरू कर दिया था। यह कहने की जरूरत नहीं है कि आरोपी ने यौन इरादे से ऐसा (स्पर्श) किया जिससे छोटी बच्ची के दिमाग पर असर पड़ा है।
बता दें कि साल 2019 में, एक क्लास टीचर ने पीड़ित बच्ची की माँ को जानकारी दी थी कि वह स्कूल की बेंच के कोने में खुद के प्राइवेट पार्ट को रगड़ रही थी। तब यह मामला सामने आया था। पिता ने दावा किया था कि पत्नी ने उसे झूठा फंसाया था। उसने आरोप लगाया कि बच्ची को बरगलाया गया है, जबकि बच्ची ने इन दावों का खंडन किया है।
कोर्ट ने कहा कि बच्ची की हरकतों पर सबसे पहले उसकी टीचर ने ध्यान दिया, इसके बाद उसकी मां को इसके बारे में पता चला, इसलिए आरोपी को झूठे फंसाने की कोई संभावना नहीं है।
इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने मुंबई के इस 40 वर्षीय व्यक्ति को दोषी पाया और अपनी 5 वर्षीय बेटी के कपड़ों के ऊपर से उसके गुप्तांगों को बार-बार छूने के लिए उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।