तो जमीन से ऐसे निकाला जाता है ‘काला हीरा’

झारखंड
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रांची। कोयला को ‘काला हीरा’ कहा जाता है। जमीन के भीतर दबे कोयला को निकालने की लं‍बी प्रक्रिया होती है। इसे निकालने से पहले की पूरी प्रक्रिया कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीएमपीडीआई करती है। इसी तरह की एक प्रक्रिया झारखंड की राजधानी रांची जिले के मैक्लुस्कीगंज के पास देवनाड-3 ब्लॉक में चल रही है। इसे सीएमआरडी-100/1 ड्रिल साइट कहा जाता है। सीएमपीडीआई के आरआई-3 के हजारीबाग कैंप के अधीन संचालित है।

कोयला गवेषण

कोयले का वास्तविक उत्पादन शुरू होने से पहले सीएमपीडीआई भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए संसाधन और गुणवत्ता आकलन के लिए अन्वेषण का काम शुरू करती है। इसमें नमूनों का परीक्षण (कोर/नॉन-कोर) शामिल है।

जीएसआई द्वारा एक्सप्लोरेटरी ड्रिलिंग के बाद सीएमपीडीआई विस्तृत गवेषण (400 मीटर*400 मीटर ग्रिड में ड्रिलिंग) के माध्यम से आवश्यकता के अनुसार कोरिंग/गैर-कोरिंग ड्रिलिंग के माध्यम से भंडार/संसाधन का अनुमान लगाता है।

नमूनों की विजुअल जांच

कोर ड्रिलिंग में प्राप्त नमूनों की विजुअल जांच की जाती है। कोयले की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए आगे के विश्लेषण के लिए लैब भेजा जाता है। कोयले के गुणों को जानने के लिए सीएमपीडीआई (मुख्यालय) स्थित प्रयोगशालाओं में कोयले के नमूनों पर विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं। भूभौतिकीय लॉग की व्याख्या करके भूवैज्ञानिक रचना की गहराई की पुष्टि करने के लिए गैर-कोरिंग और कुछ कोरिंग बोरहोल भूभौतिकीय लॉग होते हैं।

भूवैज्ञानिक रिपोर्ट

उपरोक्त बोरहोल डाटा, कोयला गुणवत्ता डाटा, सर्वेक्षण डाटा के आधार पर भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) तैयार की जाती है। इसमें 3डी मॉडलिंग की जाती है और गहराई और ग्रेड के साथ कोयले का भंडार का अनुमान लगाया जाता है। जीआर में अनुमानित भंडार के साथ विभिन्न कोयला सीमों की कोयले की गुणवत्ता का उल्लेख किया जाता है।

परियोजना रिपोर्ट

जीआर तैयार होने के बाद परियोजना रिपोर्ट (पीआर) तैयार की जाती है, जिसमें खनन कैसे किया जाएगा, कितनी मशीनरी और जनशक्ति शामिल होगी, ओवरबर्डेन कहां डंप किया जाएगा, खनन में कितना समय लगेगा और चरणबद्ध खनन योजना, वित्तीय लाभ/हानि, आदि का उल्लेख किया जाता है।

अनुमति पर खनन

भूवैज्ञानिक और परियोजना रिपोर्ट सीएमपीडीआई द्वारा तैयार की जाती है। नियमानुसार आवश्यक अनुमति और मंजूरी मिलने के बाद कोयला उत्पादन शुरू करने के लिए संबंधित उत्पादन कंपनियों को प्रस्तुत किया जाता है।