राजस्‍थानी कलाकारों ने कैंब्रियन स्‍कूल में लोक नृत्‍य दी मनमोहक प्रस्‍तुति

झारखंड
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रांची। भारत की लोक कला अद्भुत है। यहां के लोकगीत और लोकनृत्य में जीवन का हर रंग शामिल है। उक्त बातें बुधवार को रांची के कांके रोड स्थित कैंब्रियन पब्लिक स्कूल की प्राचार्या डॉ नीता पांडेय ने कही। वे स्पीक मैके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि लोकगीत जनकंठ के गीत हैं, जो किसी क्षेत्र की परंपरा और संस्कृति का दर्पण है।

प्रचार्या ने भारतीय लोक संगीत, नृत्य और परंपरा को देश-विदेश में लोकप्रिय बनाने के लिए स्पीक मैके की सराहना की। कार्यक्रम की शुरुआत करे खान और कूटला खान ने गणेश वंदना तथा देवी वंदना के साथ की। कुटला खान ने राजस्थान के विभिन्न राजस्थानी लोकसंगीत और वाद्ययंत्रों की विस्तृत जानकारी दी।

लीला देवी संपेरा और जसुड़ी देवी संपेरा ने राजस्थानी लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। घमसे खान, कुटला खान और गोरम खान की जुगलबंदी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। घमसे खान, रसूल खान, रईस खान मुस्ताक खान और महेंद्र खान ने विविध राजस्थानी यंत्रों की जानकारी और एकल प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संयोजन श्रीमती आशा राज और संचालन गौतम कुमार नायक ने किया।