- रांची में 1 सितंबर को कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन : विक्रांत सिंह
पाकुड़। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम झारखंड के सांगठनिक स्वरूप झारखंड ऑफिसर्स, टीचर्स एंड एम्पलाइज फेडरेशन की प्रांतीय कार्यकारिणी ने पुरानी पेंशन की अर्हता रखने वाले सेवानिवृत्ति कर्मचारियों को पेंशन पाने की प्रक्रिया में एनएस डीएल और केंद्र सरकार के असहयोगात्मक रवैये के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है। झारखंड सरकार ने 1 सितंबर, 2022 से राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है।
अभी तक लगभग दो दर्जन सेवानिवृत कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल भी चुका है। राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन प्राप्त करने के लिए नई पेंशन योजना के तहत उनके एनपीएस खाते में जमा सरकारी अंशदान को लाभ सहित सरकार को वापस करना पड़ता है। सरकार के अंशदान की जानकारी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीनस्थ काम करने वाली संस्था एनएसडीएल की है।
एनएसडीएल कर्मचारियों को यह डाटा उपलब्ध कराने में 6-6 महीना तक का समय ले रहा है। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त करने में कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। नवंबर-दिसंबर 2023 में आवेदन कर चुके कई कर्मचारियों का डाटा अभी तक एनएसडीएल ने उपलब्ध नहीं कराया है।
इस मामले पर झारखंड ऑफिसर्स, टीचर्स एंड एम्पलाइज फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय के बाद कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ प्राप्त हुआ है, परंतु केंद्र सरकार की हठधर्मिता और एनएसडीएल के ढूलमूल रवैया से कर्मचारियों को यह लाभ प्राप्त करने के लिए कई कई महीनों तक का इंतजार करना पड़ रहा है। सूचना तंत्र एवं कंप्यूटर के युग में कर्मचारियों को डाटा प्राप्त होने में इतना विलंब होना समझ से परे है। ऐसा प्रतीत होता है कि एनएसडीएल जानबूझकर केंद्र के इसारे पर पुरानी पेंशन की प्रक्रिया में रुकावट डाल रहा है।
समस्त राज्य कर्मी एनएसडीएल के इस रवैये आक्रोशित हैं। राज्य में पुरानी पेंशन बहाली के बाद उनके एनपीएस खाते में जमा राशि को शेयर बाजार में फंसा कर रखने का अब कोई औचित्य नहीं है। यह कर्मचारियों को अविलंब वापस किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने अगर ऐसा नहीं किया तो कर्मचारी आंदोलन करने के साथ ही न्यायालय की शरण में जाने पर भी विचार करेंगे। अपने 11 सूत्री मांगों की पूर्ति के लिए संगठन ने तीन चरणों में आंदोलन की घोषणा की है।
ये है रूपरेखा
- आंदोलन के प्रथम चरण में जुलाई में राज्य के सभी प्रखंडों में कर्मचारी चेतना जागरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
- सभी जिला मुख्यालय में 11 अगस्त को राज्य के कर्मचारी शक्ति समागम कार्यक्रम किया जाएगा।
- राजधानी रांची में 1 सितंबर 2024 को कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन का आह्वान किया गया है।
मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार राय ने बताया कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य अपने मुद्दे को लेकर कर्मचारियों के बीच जागरुकता पैदा करना, मांगों की पूर्ति के लिए सभी संगठनों एवं संवर्गों के कर्मचारियों को एकजुट करना, कर्मचारियों की एकजुट शक्ति से उनके सामूहिक मसलों का समाधान निकालना है।
आंदोलन के संदर्भ में प्रांतीय महासचिव उज्ज्वल तिवारी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारियों की हितैषी हैं, परंतु कुछ बू्रोक्रेट्स सरकार एवं कर्मचारी के मध्य संवाद और समन्वय को पचा नहीं पा रहे हैं। जानबूझकर आए दिन अव्यावहारिक एवं गैर जिम्मेदाराना आदेश निकाल रहे हैं। कई संवर्गों की सेवा नियमावली में गैर लाभकारी संशोधन कर रहे हैं, ताकि सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति पैदा किया जा सके।
संगठन ऐसे पदाधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन करेगा। इन पदाधिकारियों को चिन्हित कर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और सत्तारूढ़ दल के नेता हेमंत सोरेन को अवगत कराएगा। विश्वास है कि वर्तमान संवेदनशील सरकार हमारी समस्याओं का त्वरित समाधान निकालेगी।
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