- मुख्यमंत्री ने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा की
रांची। सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत आच्छादित सभी पेंशनधारी लाभुकों के खाते में प्रत्येक महीने के 5 तारीख तक पिछले महीने की पेंशन राशि अनिवार्य रूप से क्रेडिट की जाए। पेंशन राशि क्रेडिट होने की सूचना लाभुकों को एसएमएस के माध्यम से भी दी जाए। सभी पंचायतों में पंचायती राज अधिनियम और पेसा एक्ट के तहत एक सब कमेटी बनाने का नियम है। उसके आलोक में पंचायत स्तर पर एक समिति गठित की जाए। गठित सब कमेटी में मानकी, मुखिया, प्रधान आदि अन्य परंपरागत नेतृत्वकर्ताओं को शामिल किया जाए।
यह सब कमेटी महीने में दो बार बैठक कर ग्रामीणों से जुड़े छोटे-छोटे मामलों जैसे जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि निर्गत करने के लिए सत्यापन करने का काम करे। यह कमेटी वैसे पात्र लोग जो सरकार के विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित हैं, उन्हें चिन्हित कर अनुशंसा करे एवं योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका निभाए। उक्त निर्देश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 अप्रैल को झारखंड मंत्रालय में आयोजित महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्य प्रगति से संबंधित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दी।
वंचित पात्र लोगों को पेंशन योजना से जोड़ें
बैठक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पेंशन पाने के योग्य छूटे हुए वृद्धों को अभियान चलाकर जोड़ने का कार्य करें। चिन्हित योग्य लाभुकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ देकर आच्छादित करें। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगता जांच के लिए अगर डॉक्टर की कमी है तो आईएमए के साथ बैठक कर प्राइवेट डॉक्टर्स का सहयोग लेकर दिव्यांगता जांच कैंप लगाएं।
कुपोषण मुक्त झारखंड के लक्ष्य को पूरा करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित समर योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनके परिवार को सरकार के विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्त झारखंड का लक्ष्य हमारी सरकार की प्राथमिकता है। अभियान चलाकर कुपोषण से ग्रसित बच्चों को चिन्हित करें। उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक जितने परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है उसमें कुपोषित बच्चे वाले परिवार बहुत कम संख्या में पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वेक्षण का काम सही तरीके से हो रहा है या नहीं विभाग इसकी समीक्षा करे।
आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्यों में तेजी लाएं
बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष यह जानकारी दी गई कि राज्य में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में 20% केंद्रों का अपना भवन नहीं है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान के तौर पर आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य किया जाए। विभाग द्वारा बनाए जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे स्टोर रूम, किचन, शौचालय इत्यादि की व्यवस्था हो यह सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष मुख्यमंत्री सुकन्या योजना अंतर्गत महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा पर जोर एवं बाल विवाह प्रथा का अंत इत्यादि पर हो रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी रखी गई।
सेनेटरी नैपकिन देने की योजना बनाएं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा एवं बाल विवाह प्रथा को रोकने के मद्देनजर विभाग एक नई योजना बनाएं। नई योजना के तहत 13 वर्ष से 19 वर्ष के सभी किशोरियों को डीबीटी के माध्यम से लाभान्वित करने का काम करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किशोरी बच्चियों एवं महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाने निमित्त एक नई योजना तैयार कर विभाग प्रेजेंटेशन दे।
बैठक में मुख्य रूप से सर्वजन पेंशन योजना के तहत 5 पेंशन योजनाओं के कार्यान्वयन, वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत भुगतान की जिलावार अद्यतन स्थिति, दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने हेतु विशेष अभियान संबंधी प्रतिवेदन, समर अभियान प्रगति प्रतिवेदन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री श्रीमती जोबा मांझी, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, विभाग के अवर सचिव राजेश्वर नाथ आलोक, संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार सिन्हा, निदेशक सामाजिक सुरक्षा ए डोडे सहित अन्य उपस्थित थे।