नई दिल्ली। चतरा से भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह ने लोकसभा में झारखंड के पोषण सखियों का मामला उठाया। साथ ही, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी को पत्र भी लिखा।
सांसद ने लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित Umbrella ICDS के अंतर्गत झारखंड में हमारी भाजपा सरकार ने वर्ष, 2016 में धनबाद, गिरिडीह, दुमका, गोड्डा, कोडरमा और चतरा जिले में 10388 पोषण सखी नियुक्त की थी। राज्य में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए लगन और ईमानदारी के साथ विगत छह साल से काम कर रही थी। इसके परिणामस्वरूप कुपोषण के मामलों में कमी आई है। कोरोना काल में भी पोषण सखियों द्वारा सराहनीय काम किया गया। इस पोषण सखियों को वेतन के रूप में मात्र 3000 रुपये महीने की दर से मानदेय दिया जाता है। यह मानदेय भी कई महीनों तक लंबित रहता है।
झारखंड की यूपीए सरकार ने 25 मार्च, 2022 को एक आदेश जारी करते हुये इन छह जिलों की सभी 10388 पोषण सखी की सेवाएं 1 अप्रैल, 2022 से समाप्त कर दी है। झारखंड सरकार ने पोषण सखियों को बेरोजगार कर दिया गया। मात्र 100 रुपये प्रतिदिन मानदेय पर काम करने वाली पोषण सखियां 6 साल तक काम करने के बाद अब कहां जायेगी? उन्होंने पढ़ाई और महत्वपूर्ण 6 साल राज्य की सेवा में लगा दिये है। राज्य को कुपोषण और कोरोना से बचाने के ईनाम के रूप में झारखंड सरकार ने उन्हें बेरोजगार कर दिया है। राज्य सरकार के लिए शर्मनाक बात है।
सांसद ने केन्द्र सरकार व राज्य सरकार से मांग की है कि झारखंड के छह जिलों में 10,388 पोषण सखी की सेवाएं स्थाई रूप से जारी रखने के निर्देश दें। पोषण सखियों के लंबित मानदेय का भुगतान तत्काल किया जाए।