टाटा स्टील के साहित्‍य महोत्‍सव झारखंड लिटरेरी मीट का आगाज

झारखंड
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रांची। टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट के चौथे संस्करण का उद्घाटन शनिवार को रांची में हुआ। दो साल के अंतराल के बाद शहर में वार्षिक साहित्यिक उत्सव की वापसी हुई है।  हाल के दिनों में भारत के सबसे महत्वपूर्ण जीवनी लेखक और कई कवि, उपन्यासकार और कला जगत से जुड़े पुरुष और महिलाएं ऑड्रे हाउस में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान मौजूद रहेंगे। टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट का उद्घाटन गुरुचरण दास ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से और झारखंड के कवि महादेव टोप्पो ने सर्वेश कुमार (चीफ कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस, टाटा स्टील इंडिया एंड साउथ ईस्ट एशिया) और मालविका बनर्जी (निदेशक झारखंड लिटरेरी मीट) की उपस्थिति में किया। 

उद्घाटन समारोह में टोप्पो ने वर्चुअल और सोशल मीडिया के वर्चस्व के युग में पुस्तकों और साहित्य के महत्व पर अपने विचार रखें। देश के आदिवासी और अन्य विलुप्त हो रही आबादी के अग्रणी विचारकों में से एक हैं और उन्हें 44 कविताओं ‘जंगल पहाड़ के पाठ’ के संग्रह के लिए जाना जाता है।

सर्वेश कुमार ने कहा, ‘रांची में टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट के चौथे संस्करण के आयोजन पर हमें गर्व की अनुभूति हो रही है। महामारी के आने के बाद से आयोजित होने वाला यह पहला शारीरिक साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है। अगले 2 दिनों में हम जाने-माने लेखकों, खेल और सांस्कृतिक हस्तियों को शहर में आमंत्रित करेंगे। हमें विश्वास है कि रांची के लोग इस उत्सव में भाग लेने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएंगे। यह समुदाय से जुड़ने के लिए इस क्षेत्र में हमारे द्वारा आयोजित किये जाने वाले कई कार्यक्रमों में से एक है।‘

सम्मेलन के पहले दिन अभिजीत गांगुली का लोकप्रिय स्टैंड अप कॉमेडी, कुणाल बसु के नए उपन्यास का विमोचन, कीर्ति आजाद और प्रदीप मैगज़ीन के साथ क्रिकेट पर सत्र जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। प्रख्यात जीवनी लेखक और राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश की पुस्तक के साथ एक सत्र भी आयोजित किया गया। शाम का समापन सोनम कालरा के संगीतमय प्रदर्शन शाम ए सूफियाना के साथ हुआ।

महोत्सव की निदेशक मालविका बनर्जी ने कहा, ‘टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट के चौथे संस्करण के साथ हम उसी स्थान पर वापस आकर बेहद खुश हैं, जहां से हम सभी दो साल तक आभासी दुनिया में महामारी के कारण सीमित थे। हमें उम्मीद है कि शहर में एक सशरीर उपस्थिति के साथ कार्यक्रम आयोजित करने से सामान्य जीवन में नई आशा का संचार होगा।‘