पटना। नीतीश सरकार का भ्रष्टाचार पर प्रहार जारी है। इसी कड़ी में बिहार में दो भ्रष्ट सरकारी पदाधिकारियों के ठिकाने पर मंगलवार को सुबह से ही छापेमारी जारी है। दोनों अधिकारियों पर आर्थिक अपराध इकाई ने अवैध संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है।
इसमें सहार के पूर्व थानेदार आनंद कुमार सिंह और प्रधान लिपिक अमरेश राम का नाम शामिल है। एडीजी नैयर हसनैन खान ने पटना और औरंगाबाद जिले में चल रही कार्रवाई की पुष्टि की है। भोजपुर जिले में सहार के तत्कालीन थानेदार रहते हुये आनंद कुमार सिंह ने बालू माफियाओं का जमकर साथ दिया। थानेदारी करते हुए बालू माफियाओं के अवैध काम में ये मदद करते थे और उसके एवज में इन्हें रुपये मिलते थे।
निगरानी की टीम ने पटना में रूपसपुर थाना की अपर्णा कॉलोनी में रंजीत सिंह के मकान वाले किराये के घर और पटना के ही बाढ़ में सहरी गांव स्थित पुश्तैनी घर पर छापेमारी की है। इनके ठिकानों पर छापेमारी के लिए निगरानी ने एसटीएफ और लोकल थाने की पुलिस की भी मदद ली है। निगरानी की दूसरी टीम इस वक्त औरंगाबाद जिले में है, जो वहां के समाज कल्याण शाखा में पोस्टेड प्रधान लिपिक अमरेश राम के सरकारी ऑफिस, वार्ड नंबर 13 में ब्रह्मस्थान के पास स्थित घर और जमहौर थाना के रामपुर गांव के पुश्तैनी घर को खंगाल रही है।
आरोप है कि अमरेश राम ने सरकारी नौकरी करते हुए जमकर अवैध तरीके से रुपयों की उगाही की और अकूत संपत्ति बना ली। दोनों भ्रष्ट अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के जरिये अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है। इन दोनों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
जांच में आई रिपोर्ट के बाद 7 मार्च को पटना में निगरानी ने पूर्व थानेदार के खिलाफ एफआईआर नंबर 12/2022 और प्रधान लिपिक के खिलाफ 13/2022 दर्ज किया। फिर अलग-अलग टीम बना मंगलवार को छापेमारी शुरू कर दी।