श्रवण ने बताया, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से ही उड़ान होती है

झारखंड
Spread the love

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। किसी ने सच ही कहा है, ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से ही उड़ान होती है। यह बात एक शिव भक्‍त श्रवण उरांव पर सटीक बैठती है। शिवरात्रि को श्रवण ने अपने हौसले से कुछ ऐसा किया कि लोगों को उसपर यकीन नहीं हुआ।

झारखंड के लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड के गड़गाव चंदवा में 1500 फीट उंचे पहाड़ पर महादेव मंडा स्थित है। यहां हर साल शिवरात्रि पर भक्तों की भीड़ लगती है। लोग वहां जाकर भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं। मन्‍नते मांगते हैं। इस वर्ष भी यहां सैकड़ों भक्‍त आए। अखंड हरिकीर्तन का आयोजन किया गया।

भीड़ में एक भक्त श्रवण उरांव अलग दिखा। दरअसल, श्रवण दिव्‍यांग है। उसके दोनों पैर पूरे नहीं हैं। इसके बाद भी वह 1500 फीट ऊंचे पहाड़ पर चढ़ गया। रिकी मनातू घाघरा निवासी श्रवण अपने घर से साइकिल पर आया था। इसके बाद ऊंचे पहाड़ को लांघता हुआ पैदल ही महादेव के द्वार पर पहुंच गया। जल भी चढ़ाया।

महा शिवरात्रि पर इस आयोजन में जय श्रीराम समिति के जिला उपाध्यक्ष व सेन्हा प्रभारी नितेश जायसवाल और शैलेश कुमार सहित जय श्रीराम समिति बुटी, जय श्रीराम समिति छोटा बुटी, जय श्रीराम समिति झखरा, जय श्रीराम समिति चमरू, जय श्रीराम समिति हेसव, जय श्रीराम समिति तोड़ार के पदधारी एवं सदस्यों ने सहभागिता निभाई।