पटना। मुकेश सहनी के सभी विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। एनडीए के अंदर ही बीजेपी की ओर से वीआईपी की सर्जरी से सन ऑफ मल्लाह की परेशानी बढ़ गई है। मुकेश सहनी ने इस सियासी तोड़ के बाद जहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की नसीहत को याद किया, वहीं राबड़ी देवी ने मुकेश सहनी को राजद का साथ मिलने की बात कही। राबड़ी देवी ने कहा कि मुकेश सहनी अपना समझें।
अब जाकर उनको लालू प्रसाद याद आ रहे हैं। मुकेश सहनी को राजद के साथ बुलाने का कोई मतलब नहीं है। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वह अपने मन से गए हैं, तो खुद समझें। लालू यादव ने ही सबको बोलने का जुबान दिया, चलना सिखाया जो आज अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। राबड़ी देवी के इस बयान के बाद अब साफ हो चुका है कि राजद अभी फिलहाल मुकेश सहनी को अपना साथ देने के पक्ष में नहीं है।
मुकेश सहनी ने हाल में ही कहा था कि आज की स्थिति देखकर उन्हें लालू प्रसाद यादव की बात नहीं मानने का अफसोस हो रहा है। अगर उस समय वह उनकी बात मान लेते, तो शायद आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। वीआईपी पार्टी की ताकत को देखकर ही भाजपा ने 11 सीट और एक एमएलसी सीट दी थी। एनडीए में अभी भूचाल मचा हुआ है। भाजपा और मुकेश सहनी की पार्टी में खुलकर तलवार खिंची हुई है।
मुकेश सहनी से चल रही तानातानी के बीच भाजपा ने वीआईपी पार्टी के तीनों विधायकों को अपने दल में शामिल कर लिया। उसके बाद मुकेश सहनी की पार्टी के एक भी विधायक विधानसभा में नहीं बचे हैं। मुकेश सहनी ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने की बात कही है और यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर दे दिया है कि मंत्री पद को लेकर वो क्या तय करेंगे।