- श्रीलंका और नेपाल दोनों मैच हार कर श्रृंखला से बाहर हुए
बंगलादेश। श्रीलंका को हराकर भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम फाइनल में पहुंची। नेशनल पैरालंपिक कमेटी ऑफ बांग्लादेश द्वारा शेख कमाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बंगाबंधु क्रिकेट टूर्नामेंट फॉर फिजिकली चैलेंज्ड का आयोजन किया गया। इसमें 29 मार्च को भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम ने अपना दूसरा लीग मैच श्रीलंका के खिलाफ जीत कर फाइनल में प्रवेश किया। इससे पूर्व श्रीलंका और नेपाल को हराकर बांग्लादेश पहले ही फाइनल में स्थान बना रखा है।
श्रीलंका की दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान वीरासिंघे ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। श्रीलंका के प्रारंभिक बल्लेबाजों ने पहले 4 ओवरों में 50 रन जोड़कर शानदार शुरुआत की। हालांकि भारतीय गेंदबाजी के आगे उनकी रन गति रुकती चली गई। श्रीलंका टीम ने 20 ओवर में 164 रन का लक्ष्य भारतीय टीम को दिया। सबसे ज्यादा संजीवा का 54, उदारा इंद्रजीत का 41, तनेनदरु 27, उदयाकुमार 12 का रहा। भारतीय टीम की तरफ से गुलामदीन और कप्तान कैलाश प्रसाद ने दो-दो और उप कप्तान चिराग गांधी ने एक विकेट लिया। एक खिलाड़ी रन आउट हुआ।
जवाब में खेलने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी धीमी रही। पहले 5 ओवर में सिर्फ 18 रन बनाए। उसके बाद धीरे-धीरे रन गति बढ़ानी शुरू हुई। अंत में 19 ओवर की आखिरी गेंद पर भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम ने यह रोमांचक मैच आठ विकेट से जीत लिया। इस जीत में एमएस शिवा ने सात चौके और चार छक्कों की मदद से 47 गेंदों में 79 रन बनाए और नॉटआउट रहे। आकिब निसार पांच चौकों की मदद से 31 गेंदों में नॉटआउट 47 और 24 गेंदों में चार चौकों की मदद से 24 रन सचिन शिवा ने बनाए।
श्रीलंका विकलांग क्रिकेट टीम की तरफ से संजीवा और उदारा ने एक-एक विकेट लिया। मैच का मैन ऑफ द मैच एमएस शिवा को दिया गया। दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव हारून रशीद ने बताया कि फाइनल मैच में पहुंचने के साथ यह सुनिश्चित हो चुका है कि भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम अब अपना 100वां मैच खेलेगी। यह बड़ी उपलब्धि है।