- प्रेम-उमंग एवं परस्पर सद्भाव का प्रतीक है होली : प्रोफेसर पाठक
रांची। झारखंड की राजधानी रांची के टाटीसिलवे स्थित सरला बिरला विश्वविद्यालय में 17 मार्च को होलिकोत्सव का आयोजन किया गया। शिक्षक और छात्रों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सिर्फ आर्गेनिक गुलाल का इस्तेमाल किया गया। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया।
कुलपति डॉ गोपाल पाठक ने होलिकोत्सव का उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार जीवन के विभिन्न रंगों से कटुता को खत्म करते हुए मित्रता को प्रकट करने वाला है। आपसी प्रेम एवं सद्भाव को बढ़ाकर नई उमंग प्रदान करने वाला भारतीय परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने शिक्षक, पदाधिकारी, छात्र और कर्मियों को अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएं दी।
विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने समस्त पदाधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र छात्राओं को होली की शुभकामनाएं दी है। भारतीय परंपरा के अनुसार सौहार्द एवं परस्पर भाईचारे के साथ होली मनाने की अपील की।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने छात्रों को संयम एवं अनुशासन में रहते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रशंसा की।
इस अवसर पर मुख्य वित्त पदाधिकारी नरहरी दास, कार्मिक एवं प्रशासनिक प्रबंधक अजय कुमार, प्रवीण कुमार, आशुतोष द्विवेदी, प्रो श्रीधर बी दंडीन, डॉ सुबानी बाड़ा, डॉ राधा माधव झा, डॉ पार्थ पॉल, डॉ अशोक अस्थाना, प्रो अमित गुप्ता, डॉ मनोज कुमार पांडेय, डॉ रिया मुखर्जी, डॉ नित्या गर्ग, डॉ अमृता सरकार, डॉ मेघा सिन्हा, श्री सुभाष शाहदेव, डॉ भारद्वाज शुक्ल, श्री चंद्र शेखर महथा, ऋषिराज जमुआर, प्रशांत जमुआर सहित सभी पदाधिकारी, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्रा उपस्थित थे।