घर बैठे किसान पा रहे हैं समस्याओं का त्वरित निराकरण

कृषि झारखंड
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  • किसानों की समस्याओं की क्षेत्रीय भाषा में हो रही सुनवाई

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर किसान कॉल सेंटर शुरू किया गया था। इससे राज्य के किसान खेती-बाड़ी एवं योजनाओं से संबंधित अपने सवालों का जवाब और समस्याओं का निराकरण पा रहे हैं। वह भी सिर्फ एक फोन कॉल, ऑनलाइन पोर्टल एवं एसएमएस के माध्यम से। यह निःशुल्क सेवा राज्य के सभी किसान प्राप्त कर रहे हैं। किसान शिकायत निवारण प्रणाली कृषकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। किसान कॉल सेंटर से किसानों को उनकी भाषा में समस्याओं का समाधान मिल रहा है। ऐसी व्यवस्था वाला झारखंड पूरे देश में पहला राज्य है। सरकार की नई सोच और पहल से कृषि संबंधी समस्याओं का अनूठा समाधान केंद्र किसान कॉल सेंटर बन रहा है।

सभी तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

राज्य के किसान कॉल सेंटर के टॉल फ्री नंबर 1800-123-1136 पर अपनी समस्या एवं सुझावों को दर्ज करा सकते हैं। टोल फ्री नंबर पर किसानों के सुझावों को प्राप्त कर उस पर कार्रवाई की पहल की जा रही है। यह किसान कॉल सेंटर देश का पहला ऐसा कॉल सेंटर है, जो राज्य के किसानों को सरकारी तंत्र से डिजिटल माध्यम से जोड़कर समयबद्धता, पारदर्शिता एवं सुशासन के विविध आयामों से जोड़ता है। साथ ही यह किसानों के लिए सरकार द्वारा देश भर में पहली ऐसे शिकायत निवारण प्रणाली है, जो कृषि संबंधी विभिन्न समस्याएं घर बैठे एक कॉल से सहज तरीके से निष्पादित करने में अपनी महता को सिद्ध करता है। किसान ना केवल कॉल या व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से अपनी शिकायतों का निवारण करा सकते हैं, बल्कि खेती और सरकारी योजनाओं जैसे बीज से संबंधित सभी तकनीकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

किसान कॉल सेंटर है अपने आप में अनूठा

कृषि निदेशालय द्वारा संचालित किसान कॉल सेंटर में किसान अपनी क्षेत्रीय भाषा में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। क्षेत्रीय भाषा में किसानों की कृषि संबंधी शिकायतों का समाधान पूरे देश में अनोखा है। शिकायत दर्ज कराने के उपरांत शिकायतकर्ता को एक शिकायत संख्या एसएमएस के माध्यम से उनके मोबाइल नंबर पर प्राप्त होती है, जिसके माध्यम से किसान अपनी शिकायत की वर्तमान स्थिति की जानकारी ऑनलाइन एवं कॉल के माध्यम से ट्रैक करते हैं। क्षेत्रीय भाषा में किसानों से वार्तालाप, शिकायतों का त्वरित समाधान, नोडल पदाधिकारियों के उत्तरदायित्व का निर्धारण, शिकायतों का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन ट्रैकिंग जैसी ख़ासियत ही इसे देशभर के अन्य कॉल सेंटरों की तुलना में अलग बनाती है।

गुणवत्ता जांच एवं प्रदर्शन मूल्यांकन पर जोर

किसान कॉल सेंटर के माध्यम से किसानों को दी जाने वाली सेवा में गुणवता सुधार एवं इस सेवा को और अधिक उत्कृष्ट एवं सर्वोत्तम बनाने के लिए कॉल की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखते हुए निदेशालय स्तर पर गहन समीक्षा की जाती है, ताकि किसानों की समस्याओं की गहराई से जांच कर समीक्षा करते हुए और बेहतर एवं समस्याओं से संबन्धित अन्य नयी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके।

15 दिन है समस्या समाधान की अवधि

किसान कॉल सेंटर द्वारा शिकायत के समाधान की समय सीमा सभी विषयों के लिए 15 दिनों की है। कुछ मामलों में यह अवधि 30 दिनों तक बढ़ाई जाती है। यदि उक्त अवधि में भी निदान नहीं होता है तो निदेशालय अपने स्तर से कारवाई करते हुए शिकायत निष्पादन करता है।

सोमवार से शनिवार तक दर्ज कराएं शिकायत

राज्य के किसान घर बैठे अपनी समस्या आसानी से दर्ज करा सकते हैं। अपने अहम सुझाव भी दे सकते हैं, जिसका लाभ अन्य किसानों को भी मिल सकेगा। वर्तमान में राज्य सरकार  द्वारा इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ शुरुआती तौर पर सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अन्नदाता उठा रहे हैं। भविष्य में शिकायतों की संख्या के आधार पर कॉल सेंटर का संचालन विभिन्न शिफ्टों में किए जाने की योजना है।

किसानों के हित में लगातार किये जा रहे प्रयास

कृषि निदेाक श्रीमती निशा उरांव ने कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार नए-नए कृषि संबंधी योजना और नीतियां बना रही है। इस कड़ी में कृषकों की सहभागिता से देशज एवं आधुनिक तकनीकों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए किसानों तक नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी पहुंचाने, कृषि के सर्वांगीण विकास एवं कृषि प्रसार को नया रूप देने के उद्देश्य से किसान कॉल केंद्र का संचालन किया जा रहा है। अब यहां के किसान अपनी कृषि संबंधी विभिन्न समस्याओं को घर बैठे एक कॉल से अपनी क्षेत्रीय भाषा में सरकार तक पहुंचाकर निष्पादन करा रहे हैं, जो अपने आप में एक अभूतपूर्व पहल है।

शिकायत दर्ज कराने एवं सहायता के माध्यम

टोलफ्री नंबर- 1800-123-1136,

व्हाट्सएप्प/SMS – 8797891222,

वेबसाइट- www.kccjharkhand.in,

ईमेल आईडी – info@kccjharkhand.in