रांची। कोयला देश की ऊर्जा जरूरतों की जीवन रेखा है। कोल इंडिया की सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) सहित अन्य अनुषंगी कंपनियां निरंतर देश की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए सतत प्रयासरत है। झारखंड में सीसीएल सहित कोल इंडिया की और दो अनुषंगी कंपनियां खनन कार्य कर रही है। देश के ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने में अहम् योगदान दे रही है।
विभिन्न केन्द्रीय श्रमिक संघों/फेडरेशनों द्वारा दो दिवसीय (28 और 29 मार्च, 2022) हड़ताल की घोषणा की गयी है। कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों ने मजदूरों की हर मांग को गंभीरता से लिया और उसे पूरा भी किया है।
इसके मद्देनजर कोल इंडिया अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान परिवेश में यह हड़ताल देश और कोल इंडिया परिवार के लिए उचित नहीं होगा। इस समय हमारी कोयला कंपनियों के कार्य में व्यावधान एक घातक कदम साबित होगा।
अध्यक्ष सभी कर्मियों एवं श्रमिक संघों से आग्रह किया है कि वे 28 एवं 29 मार्च, 2022 को आहूत हड़ताल पर पुनर्विचार करते हुए हड़ताल पर नहीं जायें। सभी कर्मचारी एवं ट्रेड यूनियन और फेडरेशनों से पुनर्विचार करने और हड़ताल के अपने नोटिस को वापस लेने की आग्रह पूर्वक अपील की है।