नई दिल्ली। दुनिया भर में हर साल आज के दिन महिला दिवस मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को समर्पित है। इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों और के लिए इसका जश्न मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने का मकसद उन महिलाओं की उपलब्धियों, उनके जज्बे, उनकी ऐतिहासिक यात्राओं और उनके जीवन को याद करना हैं।
रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की थी। ये हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार 8 मार्च को शुरू हुई और यह एक ऐतिहासिक हड़ताल साबित हुई। जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी।
आज से करीब 113 साल पहले साल 1908 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, अच्छी सैलरी और वोटिंग के अधिकार की मांग कर रही थीं। सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर इस दिवस को 28 फरवरी 1909 में मनाया गया है। बाद में 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया।
महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई। हर साल महिला दिवस किसी ना किसी थीम पर आधारित होता है।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 (IWD 2022) की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है। आज के बदलते समय के साथ इसको मनाने का तरीका भी बदल गया. इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा दिलाना है।