कृषि क्लस्टर के रूप में विकसित होंगे राज्य के 100 गांव

कृषि झारखंड
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  • कृषि विभाग का प्रदान संस्था के साथ हुआ समझौता

रांची। राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि‍ कृषि योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं रहे और इसकी क्लोज मॉनिटरिंग की जा सके, इसके लिए प्रदान नामक संस्था के साथ विभाग ने एक एमओयू किया है। इसके तहत राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। वह 29 मार्च को नेपाल हाउस में प्रदान संस्था के साथ विभाग के एमओयू कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।

बादल ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मिसिंग एप को पूरी तरह से धरातल पर उतारने के लिए रिसोर्स पर्सन का सहयोग लेने के लिए प्रदान के साथ एमओयू किया गया है। प्रदान संस्था कृषि के क्षेत्र में अपनी निशुल्क सेवाएं कृषि विभाग को देगा। इससे किसी भी प्रकार के राजस्व का अतिरिक्त बोझ सरकार पर नहीं आएगा।

मंत्री ने बताया कि प्रदान संस्था योजनाओं को सफलीभूत बनाने के लिए बनाने के लिए क्षेत्र के मौसम के अनुसार योजनाएं तैयार कर विभाग को सुझाव देगा। अन्य राज्यों में कृषि पद्धति का आकलन कर महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रदान संस्थान द्वारा दिए जाएंगे।

बादल ने बताया कि कृषि कलेक्टर के रूप में पूरे राज्य में 100 गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदान संस्था मुख्य रूप से एफपीओ को क्रियान्वित करेगा। साथ ही कृषि उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराएगा। कृषि से जुड़े जागरुकता अभियान में अपनी भूमिका निभाएगा।

प्रधान संस्था के पदाधिकारी बिंजू इब्राहिम ने बताया कि किसानों के पास प्रभावशाली तरीके से पहुंचना ही लक्ष्य है। छोटी-छोटी सिविल सोसाइटी संगठन मिलकर सरकार के लिए काम करते हैं। ऐसे आर्गेनाईजेशन को जोड़कर ही कृषि के क्षेत्र को क्लस्टर का रूप देने का प्रयास किया जाएगा। जल प्रबंधन पशुधन आदि कई योजनाओं पर काम करेंगे। कृषि के क्षेत्र में  निवेशकों लाया जाएगा।

मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) के दौरान कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीख पी, संयुक्त सचिव विधान चंद्र चौधरी सहित प्रदान संस्था के कई पदाधिकारी उपस्थित थे।