नई दिल्ली। रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी ने बल्ले से कोहराम मचाते हुए शतक जड़ दिया. लेकिन, ये शतक जड़ना उनके लिए इतना आसान नही था, खासकर जब वो अपनी नन्ही बेटी का अंतिम संस्कार कर लौटे हो।
यहां तक कि, यह शतक जड़ने के बाद विष्णु ने कोई जश्न भी नहीं मनाया. बेटी की मौत से बुरी तरह टूटे सोलंकी ने चंडीगढ़ के खिलाफ मैदान पर कोहराम मचा दिया था. खेल के दूसरे दिन वो 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने मैदान पर आए और दूसरे दिन नाबाद लौटे. उन्होंने 161 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से नाबाद 103 रन बनाए. उनकी इस पारी के दम पर बड़ौदा की टीम 400 रन के करीब पहुंच गई.
सोलंकी ने इस तरह एक पिता और एक खिलाड़ी दोनों की जिम्मेदारी निभाई. पहले बेटी का अंतिम संस्कार किया, फिर दूसरी जिम्मेदारी निभाने के लिए मैदान पर लौटे. दरअसल, कुछ दिन पहले इस बल्लेबाज ने अपनी न्यू बोर्न बेटी को खो दिया था. इसके बाद वे बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और फिर टीम का साथ देने के लिए वापस मैदान पर आ गए. उनके इस करतब पर हर कोई उन्हें को सेल्यूट कर रहा है.
सौराष्ट्र के विकेटकीपर बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने ट्वीट किया कि विष्णु और उनके परिवार को सेल्यूट. यह किसी भी तरह से आसान नहीं है. कई और शतक और सफलता के लिए शुभकामना.