रांची। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के एक फैसले से झारखंड सरकार पर भी दबाव बढ़ेगा। झारखंड में भी उस फैसले को तुरंत लागू करने की मांग उठने लगी है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उक्त फैसले की याद दिलाई गई थी।
दरअसल, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 1 जनवरी, 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मियों के लिए अगले साल से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विट कर इसकी जनकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें, तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अमूल्य योगदान दे सकते हैं। इसे लेकर उन्होंने यह फैसला लिया है।
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह ने राजस्थान राजस्थान सरकार की घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने झारखंड सरकार से भी 2004 के बाद नियुक्त सभी राज्यकर्मियों को भी राजस्थान के फैसले के अनुरूप पुरानी पेंशन देने की घोषणा अविलंब करने की मांग की।
महासंघ के अध्यक्ष देव नारायण सिंह मुंडा, ललितेश्वर प्रसाद चौधरी, राम निवास शर्मा, घर भरन राम, अशोक कुमार, आनंद कुमार, सौरभ दुबे, रामाशीष पासवान, गवेश राम, कमलेश कुमार, आशीर्वाद महतो, गणेश प्रसाद सिंह, सनातन कुमार, मो आलमगीर, पुष्पलता हेम्ब्रम, कौशल प्रसाद सिन्हा,बिनोद कुमार, रमाकांत मिश्रा, अखिलेश कुमार अंबष्ठ, विनीत कुमार, सुरेश हाजरा, कलिंदर बड़ाईक, संतोष कुमार, ब्रज मोहन कुमार, रंजीत शर्मा, राजीव वर्मा, अनिल कुमार आदि ने भी राजस्थान सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।
बताते चलें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कही है। सरकार के सत्ता में आने के दो साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में पहल नहीं करने पर सरकारी कर्मचारियों ने सांकेतिक विरोध का मुख्यमंत्री को इसकी याद भी दिलाई थी।