- बीपीडी-बीएयू सोसाइटी के शासी निकाय की बैठक में निर्णय
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सभी संकाय, निदेशालय और विभाग के उत्पादों की मार्केटिंग अब बीपीडी-बीएयू सोसाइटी के माध्यम से होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर स्थित विक्रय केंद्र का विस्तार कर उसे रूरल मार्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। उसे बीपीडी सोसाइटी को सौंपा जाएगा।
विश्वविद्यालय के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बिजनेस डेवलपमेंट को भी एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। बीएयू के कृषि व्यवसाय प्रबंधन केंद्र और बीपीडी सोसाइटी के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी, प्रशिक्षणार्थी, किसान, वैज्ञानिक, विकास पदाधिकारी और एनजीओ प्रतिनिधियों के अंदर उद्यम एवं व्यावसायिक आउटलुक विकसित करने की दिशा में बेहतर प्रयास हो सके। यह निर्णय बुधवार को कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की अध्यक्षता में बीपीडी-बीएयू सोसाइटी की शासी निकाय की बैठक में लिया गया।
निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार को भेजे जानेवाले बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वार्षिक बजट में बीपीडी-बीएयू सोसाइटी का अलग से बजट उपबंध किया जाएगा। शासी निकाय के सदस्य और झारखंड चैंबर के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि मार्च में बीपीडी सोसाइटी और विश्वविद्यालय पदाधिकारी के साथ राज्य के प्रमुख कृषि उद्यमियों की एक इंटरएक्शन बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि मार्केटिंग एवं व्यवसायीकरण लायक अपनी तकनीक, उत्पादों और सेवाओं के बारे में विश्वविद्यालय के लोग अपना प्रेजेंटेशन रख सकें। उद्यमी उनकी मार्केटिंग की संभावना और तौर-तरीकों के बारे में बता सकें।
बीपीडी सोसाइटी के सीईओ सिद्धार्थ जयसवाल ने सोसाइटी की गतिविधि और उपलब्धियों की जानकारी दी। सोसाइटी के शासी निकाय में बीएयू के डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता को उपाध्यक्ष के रूप में और प्रगतिशील कृषक शिव उरांव को सदस्य के रूप में जोड़ने का फैसला लिया गया।
बैठक में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ ऋषिपाल सिंह, डॉ एसके पाल, डॉ एमएस मलिक, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ एमके गुप्ता, डॉ पीके सिंह, डॉ नरेंद्र कुदादा, डॉ डीके शाही, डॉ एमएस यादव, नाबार्ड के एजीएम अभय कुमार सिंह और प्रगतिशील कृषक अर्धेंदु शेखर दास उपस्थित थे।