केवीआईसी ने मुंबई में खादी एम्पोरियम पर लगाया प्रतिबंध, जानें वजह

देश नई दिल्ली
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नई दिल्‍ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने अपने सबसे पुराने मुंबई खादी और ग्रामोद्योग संघ (एमकेवीआईए) का ‘खादी प्रमाणन’ रद्द कर दिया है। यह 1954 से मुंबई में डॉ डीएन सिंह रोड पर स्थित हेरिटेज बिल्डिंग मेट्रोपॉलिटन इंश्योरेंस हाउस में प्रतिष्ठित ‘खादी एम्पोरियम’ चला रहा था।

केवीआईसी ने पाया कि खादी एम्पोरियम असली खादी की आड़ में गैर-खादी उत्पाद बेच रहा था। नियमित निरीक्षण के दौरान केवीआईसी के अधिकारियों ने एम्पोरियम से नमूने एकत्र किए, जो गैर-खादी उत्पाद पाए गए। केवीआईसी ने आयोग द्वारा जारी ‘खादी प्रमाणपत्र’ और ‘खादी चिह्न प्रमाणपत्र’ के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए एमकेवीआईए को कानूनी नोटिस जारी किया।

पंजीकरण रद्द करने के साथ खादी एम्पोरियम प्रामाणिक खादी आउटलेट नहीं रह जाता है। अब उसे एम्पोरियम से खादी उत्पादों को बेचने की अनुमति नहीं है। केवीआईसी ब्रांड खादी की विश्वसनीयता व लोकप्रियता का दुरुपयोग करके आपराधिक विश्वासघात व जनता को धोखा देने के लिए एमकेवीआईए के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है।

केवीआईसी ने वर्ष 1954 में खादी एम्पोरियम का संचालन और प्रबंधन एक पंजीकृत खादी संस्थान एमकेवीआईए को इस सख्त शर्त पर सौंपा था कि वह एम्पोरियम से केवल ‘प्रामाणिक खादी उत्पाद’ ही बेचेगा। हालांकि हाल के वर्षों में एमकेवीआईए नकली खादी उत्पाद बेचकर अनुचित व्यापार में लिप्त रहा। इस तरह लोगों को धोखा दिया गया जो इस धारणा के साथ आते थे कि यह एम्पोरियम केवीआईसी द्वारा चलाया जा रहा है।

जानकारी हो कि केवीआईसी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ब्रांड नाम ‘खादी इंडिया’ के दुरुपयोग और अपने ट्रेडमार्क में उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। केवीआईसी ने अब तक खुदरा ब्रांड फैबइंडिया सहित 1200 से अधिक व्यक्तियों और फर्मों को ‘खादी’ ब्रांड नाम का दुरुपयोग करने और ‘खादी’ के नाम से गैर-खादी उत्पादों को बेचने के लिए कानूनी नोटिस जारी किए हैं।

केवीआईसी ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है, जो बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। पिछले साल केवीआईसी ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल्स अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को 140 वेब लिंक्स हटाने के लिए मजबूर किया जो गैर-खादी उत्पादों को ‘खादी’ के रूप में बेच रहे थे। हाल के वर्षों में नकली/गैर-खादी उत्पादों की बिक्री के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ को अपनाया है।