दुमका। राज्य के सम्यक और चहुंमुखी विकास और यहां की सवा तीन करोड़ आबादी के कल्याण के लिए सरकार समर्पित है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, गरीब, जरूरतमंद, किसान मजदूर, युवा और महिला समेत सभी वर्ग एवं तबके के हित को ध्यान में रखकर सरकार योजनाएं बना रही है। विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम तीव्र गति से चल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 फरवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार गंभीर है। उसके यथोचित निराकरण के लिए अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।
सम्मान, हक और अधिकार हर हाल में मिलेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपकी सरकार है। ऐसे में आपको आपका हक, अधिकार और सम्मान हर हाल में मिलेगा। ‘आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के हर एक पंचायत में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान करने के साथ उन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का काम सफलतापूर्वक किया गया। हमारी सरकार आपको आपके दरवाजे पर आकर आपके हक और अधिकार देने का काम कर रही है। राज्यवासियों के सहयोग से हम विकास को समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं।
पेंशन से कोई नहीं रहेगा वंचित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब 60 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति पेंशन से वंचित नहीं रहेगा। इसके लिए सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए अधिकतम संख्या की बाध्यता खत्म कर दी गई है। योग्यता रखने वाले सभी लाभुकों को अब पेंशन मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीबों को अब हर महीने पेट्रोल पर 25 रुपए प्रति लीटर की दर से हर माह 10 लीटर पेट्रोल पर अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकास और कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को अवगत कराया। लाभ लेने के लिए आगे आने को कहा।
पारा शिक्षकों की लंबित समस्या का समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारा शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहे थे। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। हमारी सरकार ने पारा शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक कदम उठाते हुए उनके हित में कई निर्णय लिए। अब पारा शिक्षक पूरे सम्मान के साथ कार्य कर सकेंगे। शिक्षा के विकास के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आदिवासी विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के ग्रहण के लिए शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति देने योजना भी सरकार ने शुरू की है। हमारा प्रयास राज्य के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देना है ।
कोरोना से निपटने में राज्य ने पेश की मिसाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने जो कदम उठाए, वह आज मिसाल के तौर पर देश-दुनिया के सामने देखा जा रहा है। सरकार ने सीमित संसाधनों के बीच बेहतर प्रबंधन और लोगों के सहयोग से कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की। इतना ही नहीं, लॉकडाउन के दौरान जब दुनिया थम सी गई थी, उस कठिन और चुनौतीपूर्ण दौर में जीवन और जीविका के लिए सरकार ने हर स्तर पर कार्य योजनाएं बनाकर उसे बेहतरीन तरीके से लागू करने का काम किया। दूसरे राज्य में फंसे मजदूरों को हवाई जहाज, ट्रेन और बसों एवं अन्य वाहनों के माध्यम से वापस लाया गया। गरीब और जरूरतमंदों को को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराया गया। हालांकि, कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में हमें सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें, ताकि इस महामारी से चल रही जंग को जीतने में हम कामयाब हों।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, विधायक नलिन सोरेन, श्रीमती सीता सोरेन और बसंत सोरेन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।