रांची। झारखंड की राजधानी रांची स्थित मारवाड़ी महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने रेड रिबन क्लब के गठन को लेकर 14 फरवरी को संगोष्ठी की। इसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने किया।
इस अवसर पर प्राचार्य ने कहा कि झारखंड में रक्त की कमी को दूर करने में युवाओं की भूमिका अहम है। युवा के अंदर ऊर्जा और जोश का भंडार होता है। युवा मन अगर ठान ले तो किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान कर लेता है। उन्होंने रेड रिबन क्लब से जुड़ने वाले एनएसएस के स्वयंसेवकों से स्वयं रक्तदान करने और अपने मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।
मुख्य वक्ता आरयू के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि रेड रिबन क्लब के माध्यम से युवा रक्तदान करने के लिए तैयार रहें। झारखंड में रक्तदान का प्रतिशत बढ़ाने में योगदान दें। रेड रिबन क्लब के माध्यम से चार प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने हैं। इसमें रक्तदान के लिए प्रोमोशन, विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं, एचआईवी एड्स जागरुकता और रक्तदान शामिल है।
डॉ कुमार ने कहा कि रेड रिबन क्लब से जुड़कर कार्य करने वाले स्वयंसेवकों को एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रमाण पत्र और पूरे झारखंड के 25 सर्वश्रेष्ठ रेड रिबन क्लब को पुरस्कृत भी किया जाएगा। मारवाड़ी महाविद्यालय में 4 रेड रिबन क्लब का गठन किया जा रहा है। इसमें 80 एनएसएस के स्वयंसेवक शामिल हैं। एक स्वयंसेवक 10 अन्य छात्र-छात्राओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करेंगे तो वर्ष में इस महाविद्यालय से 800 रक्त यूनिट संग्रह हो जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी रीता कुमारी एवं अनुभव चक्रवर्ती ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद महाविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ वृंदावन महतो ने किया। कार्यक्रम को एड्स नियंत्रण समिति से नीलांशु कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस के प्रिंस तिवारी, श्रवण कुमार, दिनकर, उषा, पूजा, शुभम, मोहित, प्रियांशु, आरजू, वीणा, किशोर का योगदान रहा।