पटना। पटना स्थित शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने प्राइवेट शिक्षक अंकित कुमार के अगवा होने के मामले का सनसनीखेज खुलासा किया है। इस मामले में चार अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से अंकित की स्कूटी व मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
अपहर्ताओं में अंकित का किराएदार सीडीएस कॉलोनी निवासी चंदन कुमार, शिवपुरी रोड-2 राजधानी गैस एजेंसी के नीतीश कुमार, पाटलिपुत्र मकान संख्या 11, रवि चौक रोड नंबर दो ए में रहनेवाले शिवम सिंह और झारखंड के गोड्डा स्थित मेहरमा निवासी मनीष कुमार चौहान शामिल थे। बताया गया कि अपहृत अंकित कुमार व चंदन एक साथ ही कोचिंग का संचालन करते थे।
इस दौरान दोनों के बीच मनमुटाव हो गया और फिर पैसों का हिसाब किया गया। इसमें अंकित पर छह लाख रुपए बकाया निकला। उसके बाद चंदन ने उससे रुपए मांगे, तो अंकित टालमटोल करने लगा। चंदन ने ही उसे अगवा करने की योजना बनाई और अपने साथी शिवम सिंह को मकान का एक कमरा देने की सहमति ले ली। पूरी योजना तैयार होने के बाद चार फरवरी को एक नए नंबर से चंदन ने ट्यूशन दिलाने के नाम पर अंकित को इंद्रपुरी इलाके में बुलाया और शिवम सिंह के मकान के कमरे में कैद कर दिया। फिर उसके साथ मारपीट की और उसके पिता से छह लाख रुपए मांगने शुरू कर दिए। लेकिन दो लाख रुपए में अंकित को छोड़ने की बात तय हो गई।
इसी बीच अंकित को अगवा करने की जानकारी पुलिस को मिल गई और फिर पुलिस टीम ने दबिश देनी शुरू कर दी। पुलिस से पकड़े जाने का भय सताने पर चंदन, नीतिश व मनीष कुमार चौहान कमरे को बंद कर वहां से भाग गए। इसी बीच कमरे के अंदर से जब अंकित ने हो-हल्ला किया, तो काफी लोग जुट गए और फिर पुलिस ने उसे चार फरवरी की देर रात बरामद कर लिया।
नीतिश कुमार ने अंकित की स्कूटी छिपा दी थी और मनीष कुमार चौहान उसके मोबाइल फोन को लेकर गोड्डा के मेहरमा थाने के छोटी कमरडोह इलाके में स्थित अपने घर चला गया था। पुलिस ने अंकित के मोबाइल फोन व बयान के आधार पर अगवा करने के मामले में शामिल उन सभी लोगों के संबंध में जानकारी ले ली और शिवम सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
शिवम ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली और फिर उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने पटना के साथ ही झारखंड में छापेमारी कर चंदन, नीतिश कुमार व मनीष कुमार चौहान को पकड़ने में सफलता पायी।