टंडवा (चतरा)। भोजपुरी, मैथिली, मगही और अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने पर झारखंड भाषा संघर्ष समिति के नेता सह आंदोलनकारी नवीन कुमार ने विरोध जताया है। इसे लेकर 20 फरवरी को कोयद पंचायत भवन में बैठक बुलाई गई है। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
समिति के सदस्यों ने कहा कि उक्त भाषा को सम्मिलित करके हमारी भाषा, संस्कृति-सभ्यता पर हमला किया जा रहा है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिस उद्देश्य से झारखंड का निर्माण हुआ था, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। झारखंडी भाषा पर हस्तक्षेप करना राज्य की अस्मिता को समाप्त करने जैसा है। इसके लिए समाज को आगे आने की जरूरत है।
युवा लेखक उमेश प्रसाद एवं समिति के सदस्यों ने बताया कि इसके मद्देनजर 20 फरवरी दिन 11 बजे कोयद पंचायत भवन में बैठक बुलाई गई है। प्रखंडवासियों को अधिक से अधिक संख्या में बैठक में शामिल होने का आह्वान किया गया है। खासकर बुद्धिजीवी, महिला, बुजुर्ग एवं युवा वर्ग से आगे आने की अपील की गई है, ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सके।