जोडा ईस्ट आयरन माइन में टाटा स्टील स्‍थापित कर रहा बेनेफिसिएशन प्लांट

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  • ओडिशा के मुख्यमंत्री ने लौह अयस्क विस्तारीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया

ओडिशा। जोडा ईस्ट आयरन माइन (जेईआईएम) में टाटा स्टील एक बेनेफिसिएशन प्लांट स्थापित कर रही है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 10 जनवरी को जेईआईएम के इस प्लांट की आधारशिला रखी। भू-खंडन रस्म में टाटा स्टील के वरीय अधिकारियों ने वर्चुअली हिस्सा लिया।

टाटा स्‍टील के वाइस प्रेसिडेंट (रॉ मैटेरियल्स) डीबी सुंदर रामम ने कहा, ’कच्चा माल स्टील निर्माण के लिए अति-आवश्यक है। आने वाले महीने में हमारे विस्तारीकरण लक्ष्य को पूरा करने के लिए जोडा ईस्ट आयरन माइन में यह बेनेफिसिएशन प्लांट हमें रणनीतिक लाभ प्रदान करेगा। कंपनी ओडिशा और इसकी जनता के विकास में अपनी निरंतर भागीदारी निभा रही है। हमें सभी प्रकार के सपोर्ट प्रदान करने के लिए हम ओडिशा सरकार के आभारी हैं।‘

जेईआईएम 1956 से कार्यरत है। इस खदान से निकला सम्पूर्ण लौह अयस्क जमशेदपुर (झारखंड के पूर्वी सिंहभूम), कलिंगानगर (ओडिशा के जाजपुर जिला), मेरामंडली (ओडिशा के धेनकेनाल) में स्थित कंपनी के अपने स्टील प्लांटों के साथ-साथ इसकी सहायक व सहयोगी कंपनियों और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स गम्हरिया (झारखंड के सरायकेला-खरसावां) को आपूर्ति की जाती है।   

पर्यावरण प्रबंधन हमेशा से टाटा स्टील के परिचालन का एक मुख्य हिस्सा रहा है। वायु, ध्वनि, सतही जल की गुणवत्ता और भूजल स्तर और इसकी गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाती है और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाते हैं। जोडा और इसके आसपास शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सतत आजीविका, जल व स्वच्छता, ग्रामीण आधारभूत संरचना, विकास, खेल और सशक्तीकरण समेत विभिन्न क्षेत्रों में टाटा स्टील द्वारा चलाई जा रही सीएसआर गतिविधियां आगे भी जारी रहेंगी।

विस्तार परियोजना के परिणामस्वरूप क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, जिसमें सहायक विकास और सहायक आधारभूत संरचनाएं शामिल हैं। परियोजना अप्रत्यक्ष आय सृजन के अवसर के संदर्भ में यहां के निवासियों के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देगी।