विद्यार्थियों को यथार्थवादी बनने की जरूरत : रुचि नरेंद्रन

झारखंड
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  • सेफ ने टाटा स्टील के सहयोग से विद्यार्थियों के भावनात्मक कल्याण पर किया वेबिनार

जमशेदपुर। टाटा स्टील के सहयोग से ‘सेफ’ (सेफ्टी अवेयरनेस फॉर एवरीवन) ने 8 जनवरी को जमशेदपुर और इसके आसपास के स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए ’इमोशनल वेल-बीइंग ऑफ स्टूडेंट्स’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इसमें जमशेदपुर और इसके आसपास के अधिकांश स्कूलों में 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

वेबिनार में प्रतिष्ठित हस्तियों ने तनाव की स्थिति से निपटने के टिप्स दिए। विद्यार्थियों ने महामारी की स्थिति के दौरान अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि इसका उन पर क्या प्रभाव पड़ा। वे कैसे इससे निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

एसडीएसएम स्कूल के प्रिंसिपल श्रीमती मौसमी दास ने विद्यार्थियों के मन में उत्पन्न होने वाली विभिन्न चिंता और अनिश्चितताओं से निपटने के लिए अपनायी गई विस्तृत हस्तक्षेप विधियों प्रकाश डाला। प्रत्येक चरण में सभी स्टेकहोल्डरों को शामिल कर स्थिति पर कैसे काबू पाया, इस पर भी उन्होंने विस्तार से बताया। उन्‍होंने शिक्षकों के भावनात्मक कल्याण पर भी जोर दिया।

पर्पल ह्यूज की संस्थापक श्रीमती ज्योति पांडे ने अतिथि के रूप में वेबिनार की अध्यक्षता की। मानसिक स्वास्थ्य को समग्र स्वास्थ्य के रूप में देखने की आवश्यकता पर बल दिया। कहानियां के माध्यम से उन्होंने बताया कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि चुनौतियों का जवाब कैसे दिया जाए और हमारे कार्यों को कैसे चुना जाए। उन्होंने कहा कि ये चुनौतियां और कई अन्य चुनौतियां हमारे भविष्य को आकार देने जा रही हैं। असफलताओं से सीखना है और उन्हें दोहराना नहीं है- भविष्य के लिए स्मार्टनेस का यही मूलमंत्र है। उन्होंने जीवन को देखने के नजरिये को भी बदलने का सुझाव दिया।

मुख्य अतिथि आईआईटी पटना के निदेशक डॉ टीएन सिंह ने समस्या को नये तरीकों और नये फैशन के बरक्स देखने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं को नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री सिंह ने उन्हें प्रभावी और कुशल होने, भावनाओं को नियंत्रित करने और संघर्षों से बचने की सलाह दी। उन्होंने सभी चुनौतियों को सकारात्मक तरीके से स्वीकार करते हुए सकारात्मक सोच और सकारात्मक तरीके से चीजों की व्याख्या करने की भी सलाह दी।

इसके बाद एक खुली चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जहां विशेषज्ञों ने संदेहों का निराकरण किया।

सेफ की चेयरपर्सन श्रीमती रुचि नरेंद्रन ने सत्र के निष्कर्षों का सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को यथार्थवादी बनने की सलाह दी। श्रीमती नरेंद्रन के अनुसार समस्याओं को तब तक हल नहीं किया जा सकता, जब तक उन्हें स्वीकार नहीं किया जाता है। उन्होंने प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करने और तनावपूर्ण समय से निपटने में विद्यार्थियों की मदद के लिए स्कूल और सेफ क्लबों की सराहना की।

सेफ की सदस्य श्रीमती वर्षा डागा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। मैनेजर कांट्रैक्टर सेफ्टी प्रदीप कुमार यादव ने धन्यवाद किया।