बिहार में अब 50 हजार तक जुर्माना देकर छूट सकेंगे शराबी, मद्यनिषेध कानून में होगा संशोधन

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पटना। बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून, 2016 में एक अहम संशोधन होने जा रहा है। इसके तहत अब शराब पीने वालों पर कार्रवाई के लिए अलग से प्रावधान किया जा रहा है। शराब पीने वालों से जुड़े मामलों पर कार्रवाई करने का अधिकार या ऐसे मामलों की सुनवाई का अधिकार कार्यपालक दंडाधिकारी को सौंप दी जाएगी।

वे ऐसे मामलों की सुनवाई कर सकेंगे और शराब पीने के दोषी व्यक्ति पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना करने का अधिकार होगा। इतना अधिक जुर्माना लेकर संबंधित आरोपित को छोड़ा भी जा सकता है। हालांकि यह प्रावधान शराब की तस्करी, बिक्री-भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और शराब से जुड़े किसी तरह का धंधा करने वालों पर लागू नहीं होगा। इतना ही नहीं अगर कोई शराब की बोलतों के साथ भी पकड़ा जाएगा, तो उस पर भी इस नये संशोधन में किए गए प्रावधान का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

यह सिर्फ उन लोगों पर लागू होगा, जो शराब पीये हुए पकड़े जाएंगे या दूसरे राज्यों या स्थानों से पीकर यहां आते हैं और यहां ब्रेथ एनालाइजर की जांच में पकड़े जाते हैं। पुलिस के स्तर से भी जांच में अगर कोई व्यक्ति रास्ते में पिया हुआ पकड़ा गया, तो उससे समुचित पूछताछ के बाद इस नए प्रावधान के तहत कार्रवाई करके छोड़ा जा सकता है। फिलहाल इस कानून में होने वाले बदलाव से जुड़े सभी पहलुओं पर विधि विभाग के स्तर से विशेष तौर पर मंथन किया जा रहा है।

हर तरह से मंथन के बाद कानून के नए प्रारूप को कैबिनेट से पास कराया जाएगा। उसके बाद इसे लागू करने से पहले विधानमंडल से पारित कराया जाएगा। तब जाकर मद्य निषेध अधिनियम-2016 में अंतिम रूप से संशोधन होगा, जिसके बाद ही यह नया प्रवाधान लागू हो पाएगा। फरवरी से शुरू होने वाले विधानमंडल के बजट सत्र में इस संशोधन के पारित होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले सरकार के स्तर पर इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। महाधिवक्ता से भी इस पर अंतिम रूप से सुझाव प्राप्त किया जा रहा है।