योगेश कुमार पांडेय
जमुआ (गिरिडीह)। हेमंत सरकार झारखंड की माटी की सरकार है। इसलिए माटी का दर्द बखूबी समझती है। पारा शिक्षकों ने झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को अपनी मेहनत से सुदृढ़ बनाने का काम किया है। उनके दर्द को रघुवर की बेदर्द सरकार भला कहां समझती! हेमंत सरकार ने पारा शिक्षकों को सहायक शिक्षक बनाकर सम्मानित करने और उनका वाजिब हक देने का काम किया है। उक्त बातें गिरिडीह सदर विधायक सुदिब्य कुमार सोनू ने अपने सम्मान समारोह में कही। जमुआ के सहायक शिक्षकों ने शनिवार को डाक बंगला में उनका स्वागत किया।
विधायक ने कहा कि हेमंत सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय में सम्मानजनक इजाफा किया है। उन्होंने कहा राजनीतिक शुचिता को ताक पर रखकर बाबूलाल मरांडी ने भाजपा का दामन थामा। बेहतर होता कि वे विधायक से इस्तीफा देकर दोबारा जनादेश प्राप्त करते। विधायक ने कहा कि सहायक अध्यापकों की भलाई के लिए झामुमो सरकार पूरी तरह तत्पर है। झारखंड की प्राथमिक शिक्षा की रीढ़ बने सहायक शिक्षक अल्प मानदेय पर जीवनयापन कर रहे थे। पूर्ववर्ती सरकार इनकी मांगों पर लाठियां बरसा रही थी।
जिला कोषाध्यक्ष बैजनाथ महतो ने सहायक अध्यापक संघ की ओर से बुके देकर सम्मानित किया। सहायक अध्यापक संघ ने अभिलंब आकलन परीक्षा आयोजित कराने की मांग की। विधायक ने कहा कि सहायक शिक्षकों के लिए वह व्यक्तिगत तौर पर हमेशा खड़े हैं। हेमंत सरकार भी खड़ी है।
कार्यक्रम में जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष संजय सिंह, राजधनवार के पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी, जिला सचिव महलाल सोरेन, पूर्व प्रमुख सोनी चौरसिया को भी सहायक शिक्षकों ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष अजीत कुमार पप्पू, चीना खान, श्यामदेव हाजरा, अकरम खान, पंकज कुशवाहा, पप्पू खान, दीपक भट्ट, रंजीत कुमार, बसंत हाजरा, राइस कौशर, जुल्फिकार अली, नौशाद अली, ओमप्रकाश माहतो, दिनेश मंडल, जाहिद आदि मौजूद थे।
सहायक शिक्षकों में जिला कोषाध्यक्ष बैजनाथ मंडल, प्रखंड अध्यक्ष नारायज दास, कुणाल कुमार सिन्हा, सन्त शरण, दामोदर वर्मा, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, सुरेश हाजरा, राजेश साव, मंजू देवी, उमेश, नासिर, असगर अली, संजय साव, आशीष कुमार सहित कई लोग थे। कार्यक्रम का संयोजन पूर्व प्रमुख सह जेएमएम नेत्री सोनी चौरसिया ने किया। संचालन पप्पू खान ने किया।