नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। अच्छी बात है कि ओमिक्रॉन से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा डेल्टा की अपेक्षा काफी कम है। दक्षिण अफ्रीका, यूके, कनाडा, डेनमार्क में कोरोना के डेटा से पुष्टि हुई है। ओमिक्रॉन के कारण विश्व स्तर पर कुल 115 मौतों की पुष्टि हुई है और भारत में इस नए वैरिएंट से 1 मौत हुई है।
सरकार ने कोरोना मामलों की समीक्षा के बाद मरीजों की स्थिति को तीन भागों में बांट दिया है- हल्के, मध्यम और गंभीर। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना पीड़ित मरीजों को डिस्चार्ज करने की नीति में भी बदलाव किया है। इसके तहत रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अगर तीन दिन तक बुखार न आए तो मरीज को डिस्चार्ज माना जा सकता है और इसके बाद टेस्टिंग कराने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं, मध्यम लक्षण वाले मरीजों को भी अगर लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं आता है और ऑक्सीजन सैचुरेशन 93 फीसदी से ज्यादा रहता है, तो ऐसे मरीजों को भी डॉक्टर की सलाह पर डिस्चार्ज किया जा सकता है। इस दौरान भी टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। चाहे फिर वह अस्पताल में हों या होम आइसोलेशन में हों।