
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश कर दिया है। संसद में पेश हुए सर्वे के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था पर ओमिक्रॉन का खास असर नहीं पड़ा है और कोविड की तीसरी लहर के बावजूद अर्थव्यवस्था में रफ्तार बनी हुई है। इसी के साथ आने वाले समय में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के भी रफ्तार पकड़ने की संभावनायें मजबूत हो गई हैं।
वहीं एग्री सेक्टर का स्थिर प्रदर्शन आने वाले वित्त वर्ष में जारी रहने का अनुमान है। महंगाई के भी आने वाले समय में नियंत्रित रहने का अनुमान दिया गया है। कुल मिलाकर आज पेश हुआ आर्थिक सर्वे संकेत दे रहा है कि देश की अर्थव्यस्था महामारी के असर से निकल चुकी है और आगे बढ़ने के लिये तैयार है।
आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान दिया गया है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत से लेकर 8.5 प्रतिशत के बीच रफ्तार हासिल कर सकती है। वहीं इस साल अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। रिजर्व बैंक ने तीसरी लहर से पहले 9.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान दिया था। आज आए आंकड़ें इससे कम हैं लेकिन अंतर बहुत ज्यादा नहीं है।
इससे साफ संकेत है कि कोरोना की तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर उतना गंभीर असर नहीं पड़ेगा जितना पहली दो लहर से पड़ा था। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में इंडस्ट्रियल सेक्टर की ग्रोथ सबसे ज्यादा रह सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण का अनुमान है कि इंडस्ट्रियल सेक्टर में ग्रोथ 2021-22 में 11% रह सकती है। सेक्टर के ग्रोथ आंकड़ों में ये रफ्तार पिछले वित्त वर्ष के आई सुस्ती की वजह से देखने को मिला है।