प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। बेरमो कोयलांचल क्षेत्र में बिजली संकट गहरा गया है। लोगों को दिन में सिर्फ दो से तीन घंटे बिजली मिल रही है। सुबह 7 बजे बिजली कटने के बाद दिन में नाम मात्र के लिए एक या दो बार आधे से एक घंटे बिजली आती है। इस बात को लेकर है कि जन प्रतिनिधि और पंचायत प्रतिनिधि के मौन धारण किये रहने से लोगों में आक्रोश है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक पूर्व की सरकार में बिजली 20 से 22 घंटे रहती थी। वर्तमान में बिजली सीधे 7 से 9 घंटे मिल रही है। बेरमो के गोमिया, स्वांग, आईईएल, हजारी, साड़म , हासिर, चतरो चट्टी, महुआटाड़, ललपनिया, पिछरी, अंगवाली, चलकरी, ढोरी बस्ती, फुसरो बाजार, तुरियो, भंडारीदह, तारमी, आलारगो, सिमरा कुल्ही, मुंगो आदि जगहों में फुसरो सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति की जा रही है। इन गांव में बिजली कटौती लोगों को रुला रही है।
लोग पिछले डेढ़ माह से बिजली के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। रात में 5 से 6 घंटे और दिन में सिर्फ 2 से 3 घंटे ही बिजली रहती है। इससे स्कूली बच्चों को पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बच्चे परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। बिजली कटौती से गोमिया, फुसरो सहित आसपास के बाजार पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। बैंकिंग कार्य प्रभावित हो रहे हैं। लेथ मशीन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की दुकान, गैरेज, शिक्षण संस्थान ऑफिस के काम भी प्रभावित हो रहे हैं।
भाकपा नेता इफ्तखार महमूद ने कहा कि बिजली समस्या पर डीवीसी के आगे झारखंड सरकार पंगु है। पिछले डेढ़ महीने से एक शब्द भी नहीं कह पा रही हैं। उपभोक्ताओं को छह घंटे भी बिजली नसीब नहीं हो रही है। विद्युत विभाग के अनुसार लोड शेडिंग हो रही है। आखिर कब तक लोडशेडिंग जारी रहेगी। अब डीवीसी के अड़ियल रवैए के खिलाफ जन आंदोलन की जरूरत है।
अधिकारी के मुताबिक डीवीसी का बकाया होने के कारण प्रत्येक दिन 10 से 12 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। इसकी वजह से पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है।