- हर दो पंचायत पर एक लैम्प-पैक्स की उपलब्धता करें सुनिश्चित
रांची। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के सभी बिरसा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करना है। सभी बिरसा कृषक चाहे वे पीएच कार्ड, हरा राशन कार्ड, सफेद राशन कार्ड धारक हों अथवा बटाईदार हों, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़कर लाभांवित कराना हमारा लक्ष्य है। बैंक से सामंजस्य स्थापित कर अधिक से अधिक जरूरतमंद कृषकों को इसका लाभ दिलवाएं। बेवजह किसी का आवेदन बैंक द्वारा रिजेक्ट नहीं किया जाए। वे 29 जनवरी को नेपाल हाउस में आयोजित प्रमंडलस्तरीय समीक्षा बैठक में दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों के साथ कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
तालाबों की नीलामी में पारदर्शिता लाए
बादल ने कहा कि राज्य में हर दो पंचायत पर एक धान अधिप्राप्ति केंद्र खोला जाए। उसे लैंम्प्स और पैक्स से जोड़ा जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था कराई जाए जिससे किसानों को उनके आवास के निकट ही धान के सैंपल को चेक किया जा सके। मंत्री ने कहा कि मत्स्य उत्पादन के लिये तालाबों की नीलामी में पारदर्शिता लाई जाए, जिससे इसमें अधिक लोग शामिल हो सकें। अधिक लोगों के शामिल होने से सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी ।
मुख्यमंत्री पशुधन योजना से लोगों को जोड़ें
मंत्री ने कहा कि राज्य में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये नए तालाबों के निर्माण के साथ-साथ पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार पर भी विशेष ध्यान देना है। डोभा निर्माण एवं डीप बोरिंग सिस्टम की व्यवस्था भी किसानों को कराई जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना से लोगों को जोड़ें जिससे कृषकों के सर्वांगीण विकास में सहायता प्राप्त होगी।
अधिक से अधिक लाभुकों को लाभ दिलाएं
कृषि सचिव अबु बकर सिद्दिख पी ने उपायुक्तों से कहा कि हमारी प्राथमिकता अधिक से अधिक लाभुकों को लाभ दिलाना हैं। इसके लिए कृषि विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार में फ्लैक्स, नुक्कड़ नाटक, कृषि मेला का इस्तेमाल कोविड गाइडलाइन के अनुरूप करें। जिससे अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिये जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी जिले के उपायुक्त कृषि विभाग की समीक्षा समय-समय पर करते रहें। मुख्यालय को इससे संबंधित आवश्यक्ताओं से अवगत कराते रहें। उन्होंने कहा कि किसी जिले में यदि कोई नई पहल होती है तो उसे साझा करें ।
मैनपावर की कमी पर ध्यान दिलाया
उपायुक्तों द्वारा कृषि विभाग में मैन पावर की कमी की ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया। इसपर कृषि सचिव ने कहा कि नियमावली के अनुसार ऑऊटसोर्स से भी मैनपॉवर बहाल कर लें। झारखंड बनने के बाद के जो नए जिले बने हैं, वे कृषि विभाग के सैंक्सन पद के लिए आवेदन मुख्यालय को उपलब्ध करा दें।
समीक्षा बैठक में ये अधिकारी मौजूद
समीक्षा बैठक में कृषि निदेशक श्रीमती निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशिप्रकाश झा, मत्स्य निदेशक एचएन द्विवेदी, सहकारिता निबंधक मृंत्यजंय वर्णवाल, समिति निदेशक सुभाष सिंह एवं विशेष सचिव प्रदीप हजारे सहित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।