वित्त मंत्री के क्षेत्र की जल सहिया को 18 माह से मानदेय नहीं, सर्दी में छोटे बच्चों के साथ बैठी धरना पर

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। वित्त मंत्री डॉ रामेश्‍वर उरांव के इलाकों की जल सहिया को 18 माह से मानदेय नहीं मिला है। बार-बार की मनुहार के बाद भी इसपर ध्‍यान नहीं दिया गया। इसके कारण सर्दी में छोटे-छोटे बच्‍चों के साथ सोमवार को सभी धरना पर बैठक गई। देर शाम होने के बाद भी कोई पदाधिकारी उनसे बात तक करने नहीं आए। सभी प्रखंड समेत अति नक्सल क्षेत्र से पहुंची है।

जिले की जल सहिया पेयजल एवं स्वच्‍छता कार्यालय के सामने धरने पर छोटे-छोटे बच्चों के साथ बैठी है। बकाया मानदेय का भुगतान सहित उनकी 12 सूत्री मांगें हैं। वे वरीय पदाधिकारी से अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन देने पर अड़ी।

जल सहिया ने कहा रोज-रोज के मरने से अच्छा इस ठंड और कुहासे से मर जाना ही अच्छा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा जल सहिया को 1,000 रुपये मासिक मानदेय पर काम करने के लिए रखा गया है। वह मानदेय भी समय पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है।

जल सहि‍या ने कहा कि आज वृद्धा पेंशन एवं विधवा पेंशन 1,000 रुपये मिलता है। वह भी सभी को समय पर मिल जाता है। हमारे लिए एक हजार रुपये मानदेय तय किया गया है। वह भी पिछले 18 माह से अब तक क्यों नहीं दिया गया।

जलसहिया सबरीन खातून ने बताया कि‍ हमलोग बार-बार लिखित आवेदन देते रहे हैं। विभाग द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा। आज थक हार कर कड़कड़ाती ठंड में धरना पर बैठने को मजबूर हो गए है।

जल सहिया का कहना है कि विभाग लिखित में दे कि कब तक मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हालांकि कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार टुडू द्वारा लिखित देने से मना कर दिया गया। तभी लोग धरने पर बैठने को मजबूर हैं।

कार्यपालक अभियंता के लिखित आश्‍वासन के बाद जल सहि‍या धरने से उठी। अभियंता ने कहा कि तीन माह के मानदेय का भुगतान एक सप्‍ताह में कर दिया जाएगा। मांग पत्र को जिला मुख्‍यालय भेजने को कहा है।

उधर, झामुमो के जिला अध्यक्ष मोजमिल अहमद ने उन्‍हें भरोसा दिलाया कि एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री से बैठक कर समस्या का निदान करेंगे।