नई दिल्ली। शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में किसानों की सभी मांगें पूरी होने तक किसान आंदोलन खत्म नहीं करने का फैसला लिया गया।
इसके अलावा आगे के संघर्ष की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए 5 मेंबरी कमेटी बना दी गई है। जिसमें बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का, अशोक धावले शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को 2 दिन का वक्त दिया है। जिसमें वह MSP कमेटी, किसानों पर दर्ज केस वापस लेने, मुआवजे और बाकी मांगों के बारे में स्थिति स्पष्ट करें। इसके बाद 7 दिसंबर को फिर मोर्चे की मीटिंग होगी।
किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 लोगों की लिस्ट संयुक्त कृषि सचिव को भेज दी है। जिनके बदले केंद्र से मुआवजा मांगा गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों के बारे में जानकारी नहीं है।
मीटिंग के बाद किसान नेता जोगिंदर उगराहां ने कहा कि बिजली बिल 2020, पराली और MSP को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इसके अलावा किसानों पर दर्ज केस के मामले में भी केंद्र ने कोई बात नहीं की। लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने का मामला भी अभी पेंडिंग है।
किसान नेता अशोक धावले ने कहा कि किसानों को MSP की गारंटी का कानून चाहिए। इसके अलावा लखीमपुर खीरी के जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री को भी केंद्र सरकार मंत्रिमंडल से बर्खास्त करे।