साक्ष्‍य के अभाव में हत्‍या के आरोपी को न्‍यायालय ने किया बरी

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। साक्ष्‍य के अभाव में अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम बेरमो मुख्‍यालय तेनुघाट) की अदालत ने हत्या के आरोपी गणेश केवट को रिहा करने का आदेश दिया। नीतीश कुमार के फर्द बयान के आधार पर 27 मार्च, 2019 को संदेह के आधार पर गणेश केवट के विरुद्ध सूचक के पिता साधु तूरी की हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि‍ मृतक 26 मार्च, 2019 को दांदूपाइन, पिछरी राजमिस्त्री का काम करने गया था। दोपहर का खाना खाने घर आया। खाना खाकर जाने के बाद शाम में वापस घर नहीं आया। मृतक की पत्नी भानो देवी मृतक के मोबाइल पर लगातार फोन करती रही, पर फोन नहीं उठा। दूसरे दिन सुबह दांदुपाइन के बगल में सड़क किनारे मृतक के शव होने कि सूचना मिली। सूचना पर मृतक के पुत्र एवं परिवार वाले गए। शव की पहचान की।

सूचक के कथनानुसार मृतक की पत्नी के साथ अभियुक्त गणेश केवट का प्रेम संबंध था। इसकी जानकारी मृतक को थी। वह इस बात को लेकर अभियुक्त को घर आने से मना कर चुका था। आरोप यह भी था कि अभियुक्त और मृतक की पत्नी साजिश के तहत अपना रास्ता साफ करने के लिए मृतक की हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंक दिया।

फर्द बयान के आधार पर पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर अभियुक्त गणेश केवट को गिरफ्तार की। अभियुक्त के दोष स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर हत्या में प्रयुक्त चापड़ को दांडूपाइन  नाला से गवाहों के समक्ष बरामद किया गया। अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। अनुसंधान पूरा होने पर पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित कि‍या।

यह मामला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बेरमो मुख्यालय तेनुघाट के न्यायालय में आया। न्यायालय द्वारा आरोप गठन के बाद राज्य की ओर से 7 गवाह प्रस्तुत किये गये। बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह प्रस्तुत किये गये। सभी गवाहों का बयान सुनने के बाद न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में अभियुक्त गणेश केवट को रिहा करने का आदेश दिया। उक्त वाद में अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता रितेश कुमार जायसवाल एवं सरकार की ओर से सहायक अभियोजन संजय कुमार सिंह ने बहस की।