रांची। मानसिक रोगियों के अधिकार के बारे में जागरुकता और कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ और झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के साथ मिलकर केंद्रीय मनोरोग संस्थान भविष्य में समुदाय आधारित कार्यक्रमों को लागू करेगा। यह निर्णय केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान के आरबी डेविस ऑडिटोरियम, टीचिंग ब्लॉक में 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर लिया गया। कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक और सलाहकार मानस मित्रा के सहयोग से संस्थान के मनोरोग सामाजिक कार्य विभाग ने किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बासुदेव दास ने किया। उन्होंने मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा पर जोर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) केशव राव थे। प्रोफेसर राव ने प्रबुद्ध व्यक्तियों से मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को लेकर अपनी भूमिका और गतिविधियों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उनके अनुसार मानवाधिकारों के प्रति लोगों की समझ बहुत उथली और अस्पष्ट है। कई बार एजेंसी और समूहों द्वारा अपने व्यावसायिक हितों के मद्देनजर मानवाकारों को समझाया जाता है।
वक्ता बेंगलुरु निमहंस के प्रोफेसर (मनोरोग) डॉ सुरेश बड़ा मठ ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य और स्वच्छता को ध्यान में रखे बिना मानवाधिकारों को बेहतर तरीके से नहीं समझा जा सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा समय-समय पर तैयार किए गए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संबंधित प्रावधानों के बारे में याद दिलाया।
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के एसोसिएट प्रोफेसर कौशिक बागची ने कमजोर लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने आम नागरिकों के साथ-साथ मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों के मूल अधिकारों को सुनिश्चित करने में विभिन्न राष्ट्रीय वैधानिक निकायों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा की।
निमहंस की मनोरोग सामाजिक कार्य की एडीशनल प्रोफेसर (डॉ) आरती जगन्नाथन ने गंभीर मानसिक रोग सहित दिव्यांग लोगों के पुनर्वास और देखभाल की जरूरतों पर बात की। उन्होंने कहा कि समाज को इन लोगों के पुनर्वास की जरूरतों को समझना होगा। उन्हें उचित पुनर्वास सेवाएं नहीं मिलना उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
कार्यक्रम की शुरुआत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सहित अन्य को श्रद्धांजलि दी गई। झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं प्रोफेसर कर्नल (डॉ) राजेश कुमार विशिष्ट अतिथि थे।
इस संगोष्ठी में जूम लिंक के जरिये लगभग 100 लोगों ने सेमिनार में भाग लिया। कार्यक्रम स्थल पर 100 लोग मौजूद थे। मनोरोग सामाजिक कार्य विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दीपंजन भट्टाचार्जी ने धन्यवाद दिया। संस्थान के मनोरोग सामाजिक कार्य के सहायक प्रोफेसर डॉ प्रसाद कन्नेकांतिने संस्थान से प्राप्त समर्थन के लिए आभार जताया।