रांची। झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 21 दिसंबर की बंदी के सफल होने का दावा किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि 12 घंटे का बंद ऐतिहासिक रहा। बंद 99.99 प्रतिशत सफल रहा। संगठन के बंद के आह्वान पर स्वतः डीलरों ने पंप बंद कर दिया। संगठन का कोई भी पदधारी बंद कराने नहीं निकला। राज्य सरकार को इससे 10 से 12 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान हुआ। वह मंगलवार को प्रेस से बात कर रहे थे।
अध्यक्ष ने कहा कि 3 दिसंबर को वित्त मंत्री से मुलाकात कर हमने मांग की थी कि डीजल की वैट दर में कटौती कर 22 फीसदी से 17 फीसदी की जाय। पेट्रोल पंपों पर सरकारी बकाया का जल्द भुगतान किया जाए। बायो डीजल के नाम पर बेचे जा रहे केमिकल पर कार्रवाई की जाए। मंत्री से मिले 18 दिन बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण सरकार की आंख खोलने के लिए 12 घंटे का बंद बुलाया गया था, जो पूर्णतः सफल रहा।
एसोसिएशन ने कहा कि राजहठ छोड़े सरकार जन, किसान, पेट्रोल पंप डीलर एवं राज्यहित में वैट दर में कमी करे। सरकारी बकाया का भुगतान करे। बायो डीजल के नाम पर मिलावटी तेल बेचने वालों की जांच कर कार्रवाई करें। चुनाव में डॉ रामेश्वर उरांव ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि यदि हम सरकार में आये तो वैट में कमी करेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। रघुवर सरकार ने 2.50 रुपए पेट्रोल-डीजल में रियायत दी थी। उसे भी वापस ले लिया।
अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार अभी भी नहीं मानी तो अगले चरण में सरकार में शामिल दलों के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक, सांसदों से मिल कर उन्हें मांगों से अवगत कराया जाएगा। सभी से आग्रह किया जाएगा कि मांगों से सहमत होने पर हमारे समर्थन में सरकार को पत्र लिखें। एसोसिएशन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिबू सोरेन से भी विशेष रूप से मिलेगा। अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगा, क्योंकि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने 20 फीसदी से वैट घटा कर 18 फीसदी किया था।
एसोसिएशन ने कहा कि इसके बाद भी बात नहीं बनने पर अगले वर्ष पहले सप्ताह में पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की बैठक होगी। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। मौके पर एससीपीडीए के अध्यक्ष राजहंस मिश्रा, सचिव नीरज भट्टाचार्य, उपाध्यक्ष कमलेश सिंह, जेपीडीए के कोषाध्यक्ष मानस सिन्हा, प्रशांत चौधरी, राहुल जायसवाल, पुनीत चड्ढा, गौतम घोष, अनिल सिंह भी मौजूद थे।