मुंगेर। मुंगेर के विमल जैन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दिल्ली के राजभवन में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। मुंगेर के इस लाल को यह सम्मान मिलने से पूरा बिहार गौरवान्वित हुआ है। विमल जैन का पुश्तैनी घर मुंगेर के जुबलबेल चौक के समीप है। मुंगेर के प्रतिष्ठित व्यवसायी घराने जैन परिवार से वे जुड़े हुए हैं। पिता भंवर लाल जैन एवं माता सोहनी देवी जैन की वे तीसरी संतान हैं। उनके माता-पिता वर्तमान में मुंगेर में ही रहते हैं।
विमल जैन फिलहाल पटना में रह कर व्यवसाय करते हैं। हालांकि अपने परिजनों व मित्रों से मिलने के लिए अक्सर मुंगेर आते रहते हैं। उनके स्कूली जीवन के बहुत से मित्र उनसे जुड़े हैं। इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उन्होंने मुंगेर से ही पूरी की। फिर स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई पटना में पूरी की। आपातकाल में छात्र आंदोलन से गहरे रूप से जुड़े रहे एवं लोकनायक जयप्रकाश के प्रिय पात्रों में एक थे। पीड़ित मानवता की सेवा के लिए 64 वर्षीय विमल जैन को यह सम्मान मिला है। विमल जैन के कई मित्र आज राजनीतिक क्षेत्र में हैं। उन्होंने खुद को राजनीति से दूर ही रखा।
उन्होंने समाज सेवा का रास्ता चुना। फिलहाल वे कृत्रिम पैर से जुड़े एक संगठन प्रकल्प भारत विकास परिषद के महामंत्री के रूप में पटना में भारत विकास परिषद दिव्यांग अस्पताल चलाते हैं। इसके माध्यम से 35,000 से भी अधिक दिव्यांग जनों को आर्टिफिशियल सपोर्ट लगाने का कीर्तिमान बनाया है।
इसी तरह दधीचि देह दान के माध्यम से दृष्टिहीन दिव्यांगों के जीवन में फिर से उजाला भर रहे हैं। उनके सबसे छोटे भाई दीपक जैन ने बताया कि उनको यह सम्मान मिलने के बाद पूरे परिवार के साथ मुंगेर और बिहार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।