नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जातिगत हिंसा से जुड़ी घटनाएं बताती हैं कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में जातिवाद खत्म नहीं हुआ है। कोर्ट ने ये बात यूपी से जुड़े साल 1991 के एक ऑनर किलिंग मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कही।
अदालत ने कहा है कि ये सरकार का दायित्व है कि वह गवाहों की सुरक्षा में एक निश्चित भूमिका अदा करे ताकि सुनवाई पर प्रश्चचिह्न लगने और सच की हत्या होने से रोकी जा सके। खाप पंचायत पर कोर्ट ने कहा कि पंचायतदारों को कोई अधिकार नहीं कि वे जिनकी शादियों को कानूनी अनुमति हासिल है, उन युवा जोड़ों के जीवन और स्वतंत्रता में दखल दें।