दिल्ली। कृषि कानूनों पर किसानों द्वारा सरकार को झुकाने से प्रेरित होकर साधु-संतों ने भी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली के कालकाजी मंदिर पहुंचे साधु-संतों ने ‘मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन’ का बिगुल फूंक दिया है।
यह आंदोलन मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने के लिए कानून की मांग को लेकर है। साधुओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर के अधिकार वाले केस में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि मंदिरों पर भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को सरकारें मनमाने तरीके से खर्च करती हैं। जबकि एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है।