जमशेदपुर। जनजातीय समुदायों के सशक्तीकरण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक जो कदम उठाये हैं, वह ऐतिहासिक और अभिनंदनीय है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जन जातीय गौरव दिवस के तौर पर घोषित करना जन जातीय समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री के अद्वितीय प्रेम को दर्शाता है। यह बात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने 15 नवंबर को कही है। दास बिरसानगर के संडे मार्केट में स्थित भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति एवं गुडिय़ा मैदान के सिदो-कान्हू की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद प्रेस से बातचीत कर रहे थे।
पूर्व सीएम ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी जनजातीय समुदायों के स्वतंत्रता सेनानियों की घोर उपेक्षा की गयी। उनके सम्मान, अधिकार और विकास की दिशा में अपेक्षित कदम नहीं उठाये गये। इसके विपरीत केंद्र की मोदी सरकार और झारखंड की भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनजातीय समुदायों के मान-सम्मान के लिए ढेर सारे कार्य किये गये।
दास ने कहा कि मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में 11 अक्टूबर, 2018 में 142 करोड़ की लागत से जो उल्लेखनीय कार्य किए गये, उनमें भगवान बिरसा मुंडा के साथ झारखंड के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की विशाल मूर्तियों का निर्माण शामिल है। इसी कड़ी में भगवान बिरसा मुंडा ने कारागार के जिस कमरे में अंतिम समय बिताया था, उसे विशेष स्वरूप दिया गया। आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में हमारे प्रधानमंत्री ने सोमवार को झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन कर स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय के योगदान को नमन किया है।
इस माल्यार्पण कार्यक्रम का आयोजन जमशेदपुर महानगर भाजपा के तत्वावधान में किया गया था। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, पूर्व अध्यक्ष रामबाबू तिवारी, चंद्रशेखर मिश्रा, दिनेश कुमार, महानगर भाजपा के पदाधिकारी राकेश सिंह, सुधांशु ओझा, पप्पू सिंह, जितेंद्र राय, मंजीत सिंह, मोर्चा अध्यक्ष अजित कालिंदी एवं ज्योति अधिकारी, मंडल अध्यक्ष बबलू गोप, हेमंत सिंह, दीपक झा, सुरेश शर्मा के अलावा भुपेंद्र सिंह, कुलवंत सिंह बंटी, काजू सांडिल, रमेश नाग एवं विमल बैठा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।