जानिए धनतेरस की खरीदारी व पूजा का शुभ मुहूर्त : इस तरह करें पूजा

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रांची। धनतेरस का त्‍योहार इस बार 2 नवंबर को पड़ रहा है। इस मौके पर सोने-चांदी की खरीदारी का मुहूर्त शाम 6.20 से 8.11 बजे तक है, जबकि अन्‍य खरीदारी का मुहूर्त सुबह 11.30 से शाम 6.20 बजे तक है. पूजा की बात करें, तो धनतेरस पूजन का मुहूर्त 2 नवंबर की शाम 5:25 से 6.00 बजे तक और धनवंतरी पूजन : का मुहूर्त शाम 5.38 से 8.14 बजे तक है.

भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। उसके बाद भगवान धन्वंतरि का आह्वान इस मंत्र से करें- * सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं, अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य। गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।* – तेरह दीपक प्रज्वलित कर उसके पास 13 कौड़ियां रखें। तय मुहूर्त पर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें। चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करते वक्‍त यह मंत्र पढ़ें – * ‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय दापय स्वाहा।’*

इसके बाद पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। आचमन के लिए जल छोड़ें। भगवान धन्वंतरि के चित्र पर गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चढ़ाएं। ● चांदी के बर्तन में खीर का भोग लगाएं। (अगर चांदी का बर्तन न हो तो अन्य किसी बर्तन में भी भोग लगा सकते हैं।) इसके बाद पुन: आचमन के लिए जल छोड़ें। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। भगवान धन्वंतरि को वस्त्र (मौली) अर्पित करें।

शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को अर्पित करें। रोग नाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें- * ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।* इसके बाद भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कर्पूर आरती करें।

पूजा के लिए रखी गई 13 कौड़ियों को पूजा-स्‍थान से उठाकर आधी रात के बाद ये कौड़ियां घर के किसी कोने में गाड़ दें। इस दिन 13 दीपक घर के अंदर और 13 घर के बाहर रखें। इससे दरिद्रता, अधंकार और घर की नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।