भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का धर्मग्रंथ है : डॉ कामिनी कुमार

झारखंड
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रांची। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में 26 नवंबर को विश्वविद्यालय भूगर्भ शास्त्र विभाग सभागार में ‘भारतीय संविधान दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह ने इसकी अध्यक्षता की।

मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का धर्मग्रंथ है। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो तत्वों और मूल भावना के नजरिए से अद्वितीय है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से भारतीय संविधान को पढ़ने एवं जानकारी प्राप्त करने का आह्वान किया। कुलपति ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ भी दिलाई।

मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ मिताली रॉय ने कहा कि भारतीय संविधान में मूल रूप से 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 08 अनुसूचियां थी। हालांकि विभिन्न संसोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें 448 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां है। भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे एवं हस्तलिखित हैं।

विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ टुल्लू सरकार ने संविधान की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। सभी को संविधान में आस्था व्यक्त करते हुए लोकतंत्र की गरिमा को अक्षुण्ण रखने का आह्वान किया।

कार्यक्रम को डॉ बीआर झा, डॉ आनंद कुमार ठाकुर, डॉ नाजिया हसन, डॉ अरुण पाण्डेय, डॉ रितिका टुडु, अमरीन फातिमा, अमीषा गुप्ता आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार और धन्यवाद डॉ नाजिया हसन ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस के टीम लीडर्स प्रिंस तिवारी, गगन महतो, प्रभात कुमार, उज्ज्वल कुमार, पूनम कुमारी, अंकित कुमार, अतीत कुमारी, संदीप राणा आदि का योगदान रहा।

मौके पर छात्र-छात्राओं के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया।

भाषण प्रतियोगिता

प्रथम – प्रियांशु राज, संत जेवियर कॉलेज, रांची।

द्वितीय – सुषमा कच्छप, रांची महिला महाविद्यालय।

तृतीय – फलक फातिमा, विश्वविद्यालय भौतिकी विभाग, रांची विश्वविद्यालय।

क्विज प्रतियोगिता

प्रथम – आभास कुमार, डोरंडा महाविद्यालय, रांची।

द्वितीय – आरती तिर्की, विश्वविद्यालय एमसीए विभाग, रांची विश्वविद्यालय।

तृतीय – श्रद्धांजलि चंद, विश्वविद्यालय वनस्पति शास्त्र विभाग, रांची विश्ववि‍द्यालय।